नई दिल्ली। एक हरित संस्था ने शुक्रवार(30 सितंबर) को कहा कि सरकार 2019 तक हर घर में शौचालय बनाने के स्वच्छता लक्ष्य से काफी पीछे है। इसके साथ ही निकाय ने दावा किया कि उसके विश्लेषण से पता लगता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में 2015-16 में सिर्फ 8000 शौचालयों का निर्माण हुआ, जबकि लक्ष्य 2019 तक दो लाख से ज्यादा शौचालयों के निर्माण का है।
‘‘सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट’’ (सीएसई) द्वारा संचालित पत्रिका ‘‘डाउन टु अर्थ’’ के प्रबंध संपादक रिचर्ड महापात्रा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दो अक्तूबर 2019 तक भारत में हर नागरिक के लिए शौचालय का वादा किया था, जब देश महात्मा गांधी की 125वीं जयंती मनाएगा।
अपनी तरह के पहले आकलन में डाउन टु अर्थ हिंदी ने केंद्रीय मंत्रियों, मुख्य मंत्रियों और कुछ विपक्षी नेताओं के क्षेत्रों में पिछले दो सालों में शौचालयों के निर्माण का विश्लेषण किया है। इसमें कहा गया है कि 2015-16 में वाराणसी में सिर्फ 7,327 शौचालयों का निर्माण किया गया, जबकि अक्तूबर 2019 तक लक्ष्य 2,34,489 शौचालयों का है। इस गति से लक्ष्य 2048 से पहले पूरा नहीं हो सकेगा।
































































