भारत में अप्रत्यक्ष करों में सबसे बड़े सुधार के रूप में लाए जा रहे GST कानून के लागू होने से पहले जीएसटी परिषद की एक अहम बैठक आज कश्मीर में होने जा रही है। भारत में लोग आने वाले समय में नमक से लेकर आलीशान कार खरीदने तथा फोनकॉल से लेकर रेस्टोरेंट में खाना खाने पर किस रेट से टैक्स चुकायेंगे उसका निर्धारण आज यानी गुरुवार श्रीनगर में शुरु हो रही। GST परिषद की दो दिन की बैठक में टैक्स की नई दरें तय की जाएंगी।
कश्मीर घाटी में हाल के प्रदर्शनों को देखते हुए इस बैठक के लिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गयी है। इस बैठक में केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली, उसके मंत्रालय के अधिकारी तथा 29 राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों के प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे। काउंसिल की बैठक के लिए श्रीनगर का चुनाव संभवत: जम्मू-कश्मीर के लोगों को देश के लिए उनकी अहमियत का बताने लिए किया गया है।
बताया जा रहा है कि परिषद ज्यादातर वस्तुओं और सेवाओं को पांच, 12, 18 और 18 फीसदी की कर श्रेणियों में समायोजित करेगी। पूरे देश में वस्तु और सेवा कर, GST की नई अप्रत्यक्ष कर प्रणाली एक जुलाई से लागू करने की योजना है। इसे भारत में अब तक के सबसे बडे कर सुधार के रूप में देखा जा रहा है।
पिछले हफ्ते ही रिजर्व बैंक ने GST को गेम चेंजर करार दिया था। जेटली ने इस महीने की शुरुआत में भरोसा जताया था कि 18-19 मई की बैठक में काउंसिल जीएसटी के तहत कर दरों को तय कर लेगी। काउंसिल की पूर्व में हुई बैठकों में इन चार दरों वाला कर ढांचा रखने का फैसला किया था। इसके अलावा तंबाकू जैसी नुकसानदायक वस्तुओं और लक्जरी सामानों पर शीर्ष कर दर के ऊपर सेस लगाया जाएगा। केंद्र की ओर से वसूले गए इस सेस के जरिये राज्यों को होने वाली राजस्व हानि की भरपाई की जाएगी।
बताया जा रहा है कि GST काउंसिल की बैठक के लिए श्रीनगर का चुनाव जम्मू-कश्मीर के लोगों को देश में उनकी अहमियत का संदेश देने की खातिर किया गया है। यह सिर्फ केंद्र सरकार की ही पहल नहीं है, इसके लिए राज्यों ने फरवरी में ही मांग रखी थी। उनकी ओर से कहा गया था कि जब GST के तहत दरें निर्धारित करने के लिए काउंसिल की बैठक हो, तो इसे जम्मू-कश्मीर में रखा जाए।