सरकार ने नोटबंदी को कामयाब बताते हुए सीएसओ के आंकड़ों के आधार पर जीडीपी दर पर इसका असर नहीं होने की बात कही। मगर कांग्रेस की ओर से पूर्व वित्तमंत्री चिदंबरम सरकार के दावों पर सवाल उठा चुके हैं। माकपा नेता सीताराम येचुरी से लेकर टीएमसी ने भी इसी तरह की राय जताई है। विपक्षी दलों ने नोटबंदी से गैर संगठित क्षेत्र में बड़ी संख्या में रोजगार छीनने से लेकर लघु उद्योगों पर प्रतिकूल असर के अपने दावे जुटाए हैं।
किसानों की खराब हालत के मसले को उठाने के लिए सुप्रीम कोर्ट के किसान आत्महत्या रोकने के लिए बीते हफ्ते दिए गए निर्देश का विपक्ष सहारा लेगा। महंगाई के मुद्दे को उठाने के लिए गैर सबसिडी वाले गैस सिलेंडर की कीमतों में पिछले छह महीने में हुए भारी इजाफे के साथ चीनी समेत कुछ दूसरी खाद्य वस्तुओं के बढ़ते दाम का हवाला दिया जाएगा। जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों पर लगातार बढ़ रहे हमलों के बीच लंबे अर्से से जारी उपद्रव को लेकर भी केन्द्र से सवाल पूछे जाएंगे।
अमेरिका में भारतीयों की नस्लीय घृणा अपराध के कारण हुई हत्याओं और हमलों के साथ एच1बी वीजा रोकने जैसे ट्रंप सरकार के कदमों पर भी विपक्ष सरकार पर तीर दागेगा। कांग्रेस और वामदल दोनों पहले ही कह चुके हैं कि इन दोनों मसलों पर भारत के सख्त रुख का जैसा संदेश जाना चाहिए, सरकार ने वैसा संदेश ट्रंप प्रशासन को नहीं दिया है। विपक्ष के इन हमलों का जवाब देने के लिए सरकार के पास भी विदेश सचिव जयशंकर के वाशिंगटन दौरे में भारत के इन मसलों पर साफ किए गए नजरिए का जवाब तैयार है।
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