राष्ट्रपति चुनाव की बढ़ती सुगबुगाहट के बीच बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह द्वारा नियुक्त तीन सदस्यीय टीम के राजनाथ सिंह और वेंकैया नायडू ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की है। मीटिंग के बाद कांग्रेस ने कहा कि सरकार की तरफ से कोई नाम पेश नहीं किया गया। इसलिए जब तक सरकार की तरफ से नाम नहीं आएगा तब तक आम राय कैसे बनेगी। कांग्रेस ने कहा कि हमसे ही उम्मीदवार का नाम मांगा गया। दरअसल विपक्ष की तरफ से आम सहमति वाला उम्मीदवार बनाए जाने की मांग हो रही है। विपक्ष की तरफ से इस काम की सारी जिम्मेदारी कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी के कंधों पर डाली जा चुकी है। उसी सिलसिले में बीजेपी के नेताओं ने कांग्रेस अध्यक्ष से मुलाकात की। अब सवाल उठता है कि सत्ताधारी दल के पास ऐसा कौन नेता है जिसके नाम पर विपक्ष को तोड़कर समर्थन जुटाया जा सकता है।
राजनीतिक जानकारों की मानें तो विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ही एक ऐसी शख्सियत हैं जिन पर सत्ता के साथ-साथ विपक्ष के कुछ दल अपनी सहमति राष्ट्रपति पद के लिए दे सकते हैं। हालांकि अभी तक राष्ट्रपति पद के लिए किसी के भी नाम पर अधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। फिर भी सबसे ज्यादा चर्चा सुषमा स्वराज के नाम को लेकर हो रही है। जानकार बताते हैं कि राष्ट्रपति भवन की दौड़ में सुषमा स्वराज सबसे आगे हैं।