राष्ट्रपति चुनाव में बीजेपी को चाहिए शिवसेना का साथ, क्या बन पाएगी बात ?

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राष्ट्रपति चुनाव

इस साल जुलाई में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में शिवसेना का वोट भाजपा के लिए काफी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करने वाला है।  भारतीय जनता पार्टी प्रणब मुखर्जी की जगह अपनी पसंद का राष्ट्रपति बनाना चाहती है और उन्हें इसमें अपने सभी सहयोगी पार्टियों की ज़रूरत है। शिवसेना के सांसद संजय राउत ने जुलाई में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव पर बातचीत के लिए भाजपा को ‘मातोश्री’ आने को कहा है।

शिवसेना की ओर से यह बयान भाजपा द्वारा नई दिल्ली में बुलाई गई उस बैठक में न जाने के फैसले के बाद आया है जिसमें माना जा रहा है कि राष्ट्रपति चुनाव को लेकर चर्चा होगी। राउत ने कहा, 2007 और 2012 के राष्ट्रपति चुनाव के मौकों पर भी शिवसेना के समर्थन की चर्चा ‘मातोश्री’ में बैठकर ही हुई थी।

उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड चुनावों में जीत  के बाद भले ही राष्ट्रपति चुनाव में बीजेपी के वोट बढ़े हों, मगर अब भी एनडीए को  24,522 वोट की ज़रूरत है। भाजपा के सूत्रों के अनुसार राष्ट्रपति चुनाव के लिए पार्टी को 20,000 से 25,000 वोटों की कमी हो सकती है।अगर शिवसेना राष्ट्रपति चुनाव में यूपीए के उम्मीदवार को समर्थन देती है तो यह संख्या बढ़कर 26,600 वोट हो जाएगी। अगर ऐसा होगा तो भाजपा के पास 23,450 वोट रह जाएंगे। वहीं इसके अलावा महाराष्ट्र से कुल 67 सांसद संसद में हैं। लोकसभा में 48 और राज्यसभा में 19 सांसद हैं। प्रत्येक सांसद के वोट का मूल्य 708 है। भाजपा नेतृत्व वाले एनडीए के पास 52 सांसद हैं। इसमें शिवसेना के भी सांसद शामिल हैं और इनका साझा वोट 36, 816 है।
कांग्रेस नेतृत्व वाले यूपीए के पास दोनों सदनों में 15 सांसद हैं और उनके वोटों का कुल मूल्य 10,620 है। अगर शिवसेना भाजपा को छोड़कर कांग्रेस का समर्थन करती है तो यूपीए के वोटों का कुल मूल्य बढ़कर 25,488 हो जाएगा। सरकार की चिंता ये है कि पिछले दो राष्ट्रपति चुनावों में एनडीए का हिस्सा होने के बावजूद शिवसेना ने कांग्रेस के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के पक्ष में वोट डाले हैं।
वहीं खबर ये भी है कि राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ यानी RSS के सर कार्यवाह मोहन भागवत ने राष्ट्रपति पद की दौड़ में शामिल होने से इनकार करते हुए ऐसी खबरों पर विराम लगा दिया है। जिनमें कहा जा रहा था कि RSS ने राष्ट्रपति पद के लिए मोहन भागवत का नाम आगे बढ़ाया है। वहीं इस दौड़ में अब रतन टाटा के नाम की चर्चा भी जोरों पर है।

 

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