आम आदमी मरे तो मरे, लेकिन इस अस्पताल के डॉक्टर सिर्फ़ प्रधानमंत्रियों का ही इलाज करेंगे

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दिल्ली-एनसीआर इन दिनों डेंगी-चिकनगुनिया की मार झेल रहा है। अकेले दिल्ली के अलग-अलग अस्पतालों में इनसे 20 से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं, अस्पताल मरीजों से भरे पड़े हैं, अतिरिक्त बिस्तरों की व्यवस्था की जा रही है। लेकिन आरएमएल में उन वीआईपी के लिए सेल आरक्षित है, जो यहां कभी आए ही नहीं। नवभारत टाइम्स वेबसाइट की खबर के मुताबिक
राम मनोहर लोहिया अस्पताल के डॉक्टर विनीत सारावगी (बदला हुआ नाम) और उनकी टीम पूर्व पीएम सेल में तैनात है। वह कहते हैं, ‘डेंगी और चिकनगुनिया की वजह से आरएमएल मरीजों से अटा पड़ा है। इमरजेंसी में एक डॉक्टर को 10 मरीजों का इलाज करना पड़ रहा है। लेकिन हम उन हस्तियों के इंतजार में समय बर्बाद कर रहे हैं, जो यहां कभी आए ही नहीं।’

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अस्पताल के दूसरे तल पर स्थित पूर्व पीएम सेल में दो सोफा, एक बेड और एक टीवी लगा हुआ है। इमरजेंसी केयर के लिए यहां जरूरी उपकरण तक भी नहीं हैं। डॉक्टर के साथ एक ऐंबुलेंस ड्राइवर, टेक्निशन और पैरामेडिकल स्टाफ 24X7 तैनात हैं।

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जब आरएमएल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉक्टर एके गैडपेल से जब संपर्क किया गया तो उनका कहना था कि पूर्व पीएम सेल को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय चलाता है, लिहाजा वह इस पर कोई टिप्पणी नहीं कर सकते।आरएमएल के एक रिटायर्ड डॉक्टर ने बताया कि पूर्व पीएम सेल की स्थापना कैबिनेट के एक फैसले के जरिए हुई। अस्पताल ने मंत्रालय से इसे बंद करने की गुजारिश की थी लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

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पूर्व पीएम सेल के अलावा आरएमएल में राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, पूर्व राष्ट्रपतियों, पूर्व उपराष्ट्रपतियों, प्रधानमंत्री और पूर्व प्रधानमंत्रियों जैसे VIPs के लिए 6 कमरे आरक्षित है। अस्पताल में पिछले 30 साल से ज्यादा समय से तैनात एक वरिष्ठ डॉक्टर का कहना है कि उन्हें यह याद नहीं कि कभी किसी VIP ने इस सेवा का उपयोग किया हो। कमरे या तो बंद हैं या कुछ दुर्लभ मामलों में दूसरे VIPs (मंत्री और सांसद) को आवंटित की जाती है।

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