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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 नवंबर को 500 और 1,000 रुपये का नोट बंद करने की घोषणा की थी। इससे बाजार में नकदी का संकट पैदा हो गया था, जिसे कारोबार की रफ्तार थम गई है। ऐसे में कर्जदारों की भुगतान की क्षमता प्रभावित हुई है और उनके खाते के एनपीए में आने की आशंका बढ़ी है।
रिजर्व बैंक की अधिसूचना के अनुसार, कारोबारी पूंजी के लिए या फसल के लिए स्वीकृत एक करोड़ रुपये या उससे कम के कर्ज पर यह लाभ मिलेगा।
यह नियम बैंकों तथा गैर बैंकिंग वित्तीय संस्थानों (एनबीएफसी) दोनों के कर्जों के मामले में लागू होगा।
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