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नई दिल्ली: सरकार की तरफ से 1000 और 500 के पुराने नोटों का चलन बंद करने का फैसला लिए जाने की अहम वजह देशभर में नकली नोटों के जाल को लेकर इंडियन स्टैटिस्टकल इंस्टिट्यूट (ISI) सहित कई सिक्यॉरिटी एजेंसियों की तरफ से हुई टॉप सीक्रिट स्टडी है। यह स्टडी फरवरी और मार्च में पीएम नरेंद्र मोदी के सामने पेश की गई थी। इस पर मोदी ने अपनी टीम को इस दिशा काम करने के लिए कहा था। ब्लैक मनी और जाली नोट के खिलाफ एक ही बार में ऐक्शन लेने का फैसला टॉप लेवल पर लिया गया था। रिपोर्ट के मुताबिक देश में कुल 400 करोड़ रुपये के जाली नोट यानी फेक इंडियन करंसी नोट (एफआईसीएल) चल रही थी। स्टडी में यह भी बताया गया था कि यह पिछले चार साल में 2011-12 से 2014-15 के बीच एक ही स्तर पर रहा है।
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