इंडियन ओवरसीज बैंक में 321 करोड़ का घोटाला

0
इंडियन ओवरसीज बैंक

भाषा : इंडियन ओवरसीज बैंक में 321 करोड़ का घोटाला सामने आया है।सीबीआइ ने इंडियन ओवरसीज बैंक के अफसरों और व्यापारियों के एक रैकेट का भंडाफोड़ किया है। इस गठजोड़ ने बैंक से जारी की गई फर्जी गारंटी को हथियार बनाकर आम जनता का 321 करोड़ रुपया हांगकांग की एक कंपनी के हवाले कर दिया। CBI सूत्रों ने बुधवार को बताया कि इस घपले में शामिल 11 लोगों और कंपनियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। इन्हीं लोगों के ठिकानों पर पंजाब के चंडीगढ़, लुधियाना, पंचकूला, अमृतसर और जीरकपुर में कई स्थानों पर छापे मारे गए। आरोप है कि इस घोटाले का मास्टरमाइंड इंडियन ओवरसीज बैंक का एसिस्टेंट मैनेजर आशू मेहरा है। उसी ने सारी साजिश रची थी। उसी ने हांगकांग स्थित एक कंपनी के पक्ष में एक तरह की गारंटी बनवाकर दी थी। इसी की बदौलत उस कंपनी ने बैंक ऑफ बड़ौदा ,ब्रांच और पंजाब नेशनल बैंक की दुबई स्थित ब्रांच से वर्ष 2014 और 2016 में कर्ज हासिल कर लिया।

इसे भी पढ़िए :  मिश्रा ने उपराज्यपाल, एसीबी प्रमुख के खिलाफ मामले दर्ज करने की मांग की

सीबीआइ ने अपनी FIR में बैंक की चंडीगढ़ शाखा के दो और एसिस्टेंट मैनेजर नीतीश नेगी और गौरव भाटिया, चंडीगढ़ की कंपनी विजन प्रोकान के मालिक दिनेश कुमार, हाइट्स इंटरनेशनल के मालिक अमनप्रीत सिंह सोढ़ी, साईं भक्ति इम्पेक्स के निदेशक किरपाल और गौरव किरपाल का नाम शामिल है। इसके अलावा, साईं भक्ति एम्पैक्स, हांगकांग की कंपनी कलर वेव (एचके) और कुछ अन्य अनाम अधिकारियों के खिलाफ भी केस दर्ज किया गया है। सोढ़ी हांगकांग की कंपनी का भी मालिक है। सूत्रों का कहना है कि मेहरा के पास ऐसे गारंटी पेपर जारी करने का अधिकार नहीं था। लेकिन रिटायर्ड ब्रिगेडियर और उसके ससुर एमएस दुल्लत का भी नाम एफआइआर में दर्ज किया गया है। जांच एजेंसी बैंक ऑफ बड़ौदा और पीएनबी के अफसरों की भूमिका की भी जांच कर रही है। अधिकारियों की माने तो इस मामले में कुछ सफ़ेदपोशो के नाम भी सामने आ सकते है।

इसे भी पढ़िए :  हेलीकॉप्टर मामले में किसी को बख्शा नहीं जाएगा- पर्रिकर