प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ड्रीम प्रॉजेक्ट स्वच्छ भारत अभियान को दो साल पूरे हो चुके है। जिसमें कुछ राज्यों ने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया और कुछ न बेहद खराब। खराब प्रदर्शन करने वाले राज्यों में उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, ओडिशा और झारखंड का नाम शामिल है।
इंडिया स्पेंड की खबर के मुताबिक अगर हम 28 सितंबर, 2016 तक के सरकारी आंकड़ों पर ध्यान दे तो इस अभियान के तहत सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले इन पांच राज्यों में 23 फीसदी से अधिक घरों में शौचालयों का इस्तेमाल नहीं किया जाता है। इन पांच राज्यों में शौचालयों का इस्तेमाल करने वाले घरों में पिछले 15 वर्षों में केवल 2 फीसदी की वृद्धि ही हुई है।
गौरतलब है कि 2016 में स्वच्छ भारत मिशन के तहत खराब प्रदर्शन करने वाले यह पांच राज्यों पहले भी सफाई के मामले में पीछे थे। 17 वर्ष पहले जब पहली बार एनडीए-1 ने संपूर्ण स्वच्छता अभियान शुरू किया था तब भी इन पांच राज्यों का प्रदर्शन बेहद निराश करने वाला था।
रिपोर्ट के मुताबिक 28 सितंबर, 2016 तक देश भर में कम से कम 2.3 करोड़ शौचालयों का निर्माण किया गया है। जो कि 2014 की तुलना में शौचलयों के निर्माण के आंकड़ों में 42 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। आंकड़ों की बात करें तो, कम से कम 1,536 ऐसे गांव थे जिन्हें खुले में शौच मुक्त घोषित किया गया है। जब कि 2014 में ऐसे गांवों की संख्या 697 थी। इतना ही नहीं 23 जिलों में लोग खुले में शौच जाने को अब मजबूर नहीं हैं। 2014 की तुलना में सात ऐसे जिलों की संख्या बढ़ी है, जहां लोग खुले में शौच करने को बाध्य नहीं हैं। उनके पास अब शौचालय हैं।