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विद्या मठ के स्वामी ने कहा, “गंगा में आज पानी नहीं, गंगा के आंसू बह रहे हैं। सरकार बनते ही तमाम बांध बनाने के आदेश दे दिए गए। वैज्ञानिक शोध से पता चला है कि गंगा में आने वाले 96 प्रतिशत जल को निकाल लिया जाता है। गंगा मर रही है। कानपुर में गंगा जल में कीड़े पाए गए।”
अविमुक्ते श्वरानंद ने आरोप लगाया, “गंगा के नाम पर खजाने की सफाई हो रही है, गंगा तो मैली की मैली है। हम जितना चिल्लाते हैं, उन्हें उतना ही धन गंगा के नाम पर निकालने का मौका मिल जाता है। लेकिन सरकार की योजनाएं तो गंगा का किनारा संवारने की है, उसकी धारा को अविरल बनाने की नहीं। धारा है, तभी किनारा है।”
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