अधिकारी ने बताया कि हम ये नहीं मानते कि अमान्य हो चुके सारे नोट आरबीआई के पास आ जाएंगे, लेकिन उनमें से 70 प्रतिशत भी श्रेडिंग के लिए आए तो ये 1500 करोड़ से ज्यादा नोट होंगे। आरबीआई से जुड़े अफसर न बताया कि चलन से बाहर हो चुके नोटों को श्रेडिंग सेंटर्स तक लाने का काम 14 नवंबर से ही शुरू हो गया। इन नोटों को नष्ट करने की प्रक्रिया भी करीब तभी शुरू की गई।
आरबीआई की रिपोर्ट के मुताबिक 2015-16 में एक हजार के 62.5 करोड़ नोट और 500 के 280 करोड़ नोट नष्ट किए गए थे। ज्यादा कटे-फटे नोटों को भी आरबीआई नष्ट करता है। मार्च 2016 तक 1,000 रुपये के 632 करोड़ नोट चलन में थे जबकि 500 रुपये के ऐसे नोटों की तादाद 1570 करोड़ रुपये थी। अब इन नोटों को नष्ट करना आसान काम नहीं है। आरबीआई के पास करीब 40 वेरिफाइंग और श्रेडिंग मशीनें हैं। देशभर में 19 जगहों पर आरबीआई के श्रेडिंग सेंटर हैं। श्रेडिंग मशीनों का जापान या जर्मनी से आयात किया गया है। एक श्रेडिंग मशीन एक घंटे में ज्यादा से ज्यादा 2,50,000 नोट नष्ट कर सकती है। अधिकारी ने बताया कि सभी 40 मशीनें एक साथ काम करें तब भी बहुत समय लगेगा। हो सकता है कि कुछ मशीनें काम करने की स्थिति में न हों। नोटबंदी: आरबीआई के सामने बड़ी चुनौती, 1500 करोड़ नोटों को करना पड़ सकता है नष्ट