नोटबंदी के बाद से बाजार कैश की भारी किल्लत से जूझ रहा है। आरबीआई ज्यादा से ज्यादा कैश की छपाई में लगा है। आरबीआई के सामने नए नोटों की प्रिंटिंग और सप्लाइ की ही चुनौती नहीं है, अमान्य करार दिए गए नोटों को नष्ट करना भी चुनौती है। 500 और 1,000 रुपये के अमान्य हो चुके नोटों को नष्ट करने में आरबीआई को एक साल से ज्यादा का वक्त लगेगा। एक अनुमान के मुताबिक आरबीआई को 1,500 करोड़ से ज्यादा नोटों को नष्ट करना होगा।
आरबीआई के श्रेडिंग सेंटरों (जहां चलन से बाहर हो चुके नोटों के कतरन किए जाते हैं) तक पुराने नोटों को पहुंचाया जा रहा है। महाराष्ट्र में मुंबई, बेलापुर और नागपुर के आरबीआई के केंद्रों में पुराने नोटों को कतरने का काम जारी है। आरबीआई के करंसी मैनेजमेंट डिपार्टमेंट के एक अफसर ने पहचान गुप्त रखे जाने के शर्त पर बताया कि अकेले मुंबई से ही श्रेडिंग सेंटर्स पर पुराने नोटों से भरे 70 हजार से 80 हजार बोरे भेजे जाने की संभावना है।