देश के तमाम हिस्सों में अब भी नोटबंदी का असर देखने को मिल रहा है। अब भी लोग कैश के लिए परेशान है। क्योकि कई राज्य ऐसे है, जिसमें अभी भी पुरी मात्रा में कैश नहीं है, जिससे लोगों में नोटबंदी को लेकर गुस्सा है। अब लोगों की परेशानी और बढ़ गई है, एटीएम इस्तेमाल करने के चार्ज दोबारा शुरू होने से। इसके अलावा डेबिट कार्ड ट्रांजैक्शंस फीस में भी सरकार ने किसी तरह की छूट का ऐलान नहीं किया है। एनसीआर कॉर्पोरेशन के इंडिया ऐंड साउथ एशिया मैनेजिंग डायरेक्टर नवरोज दस्तूर ने कहा, ‘इंडस्ट्री को उम्मीद थी कि एटीएम ट्रांजैक्शंस पर सरकार 31 दिसंबर के बाद भी छूट को जारी रखेगी।’ लेकिन आरबीआई ने इस बारे में अभी कोई निर्देश जारी नहीं किया है। इसके चलते बैंकों ने एक बार फिर ट्रांजैक्शन फीस चार्ज करना शुरू कर दिया है।
ट्रांजैक्शन प्रॉसेसिंग ऐंड एटीएम सर्विस के प्रेजिडेंट वी. बालासुब्रमण्यन ने कहा, ‘पहली 5 ट्रांजैक्शंस पर कोई चार्ज नहीं लगेगा। इसके बाद यह फैसला बैंकों के विवेकाधिकार और कस्टमर की कार्ड कैटिगिरी पर निर्भर करेगा। आमतौर पर बैंकों का ग्राहकों से चार्ज को लेकर अग्रीमेंट होता है। कई बैंक नोटबंदी से पहले प्रीमियम कस्टमर्स से एटीएम चार्ज नहीं वसूल रहे थे।’
नोटबंदी से पहले स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, पंजाब नैशनल बैंक और आईसीआईसीआई बैंक 5 ट्रांजैक्शंस के बाद प्रति ट्रांजैक्शन पर 15 रुपये की फीस वसूल रहे थे। इन तीनों ही बैंकों का अन्य बैंकों की तुलना में देश में एटीएम का बड़ा नेटवर्क है। इसके अलावा ज्यादातर अन्य बैंक प्रति एटीएम ट्रांजैक्शन 20 रुपये वसूल रहे थे। एटीएम के इस्तेमाल पर चार्ज लगने को लेकर पूछे गए सवालों का एसबीआई और पीएनबी ने कोई जवाब नहीं दिया है।