एलओसी सीमा पर सेना की तैनाती करने का फैसला पाकिस्तानी सेना को भी नुकसान पहुंचाने की रणनीति है। जो लगातार जम्मू-कश्मीर में आतंकियों की घुसपैठ कराती रही है और उन्हें मदद करती है। सरकार की ओर से इस बारे में विचार किया जा सकता है कि क्या सेना को पाकिस्तान की सीमा के भीतर आतंकी प्रशिक्षण शिविर पर हमले करने चाहिए। सरकारी सूत्रों के मुताबिक एलओसी पर तैनात आर्मी बटालियनों और पश्चिमी फ्रंट पर एयर फोर्स के एयरबेस को ‘फुल अलर्ट’ पर रखा जाएगा ताकि किसी भी आकस्मिक हमले का तत्काल और कड़ा जवाब दिया जा सके।
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हालांकि भारतीय सेना की ओर से पाकिस्तानी क्षेत्र में जाकर हमले पर विचार नहीं किया जाएगा, लेकिन सेना एलओसी पार किए बिना ही पाक सैनिकों को करारा जवाब देगी। हथियार भंडारों को टारगेट करना और पाकिस्तानी सीमा चौकियों पर भारी मोर्टार दागने जैसी कार्रवाई सेना की ओर से की जा सकती है। पूर्व में भी इन तरीकों से पाकिस्तान के दुस्साहस का जवाब दिया जाता रहा है। सूत्र ने बताया कि यदि हम ऐसा करते हैं तो निश्चित तौर पर दूसरी तरफ से भी जवाबी कार्रवाई होगी, लेकिन उससे निपटा जा सकता है।
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कुछ सुरक्षा अधिकारियों का कहना है कि इस बारे में राजनीतिक निर्णय लिया जाना है ताकि पाकिस्तान को यह संदेश दिया जा सके कि अब बहुत हो चुका। एक सीनियर अधिकारी ने कहा, ‘आखिर हम कब तक माकूल जवाब दिए बिना 26/11 से लेकर पठानकोट जैसे भीषण हमले झेलते रहेंगे? हमारे रक्षात्मक रवैये से पाकिस्तानी सेना और आईएसआई के दुस्साहस को ही बल मिल रहा है।’