कुपवाड़ा शहीद का भाई बोला: सेना में शामिल होकर भाई के अधूरे सपने पूरे करना चाहूंगा

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दिल्ली
मथुरा स्थित स्ट्राईक 1 कोर के कमाण्डिंग अफसर लेफ्टिनेंट जनरल शौकीन चौहान ने आज शाम कोर मुख्यालय पर जम्मू और कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में आतंकवादियों से मुठभेड़ के दौरान शहीद हुए सेना की 18 जाट रेजिमेण्ट के सिपाही बबलू सिंह के पार्थिव शरीर पर पुष्पचक्र अर्पित कर अंतिम सलामी दी। उन्होंने शहीद के पिता मलूक सिंह तथा तीन भाईयों में से वहां पहुंचे दो छोटे भाईयों हरिओम सिंह व सतीश सिंह को सांत्वना देते हुए सेना की ओर से हर प्रकार की मदद करने का आश्वासन दिया। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमें सिपाही बबलू सिंह की शहादत पर बेहद गर्व है और उम्मीद करते हैं कि उन्होंने जिस प्रकार की वीरता का उदाहरण दिया है, उसे उनका परिवार, उनकी यूनिट तथा उनका गांव अवश्य अनुसरण करेगा।’’ उन्होंने बताया कि शहीद बबलू के छोटे भाई सतीश सिंह (21) ने कहा है कि वह भी सेना में भर्ती होना चाहता है। उसने वादा किया है कि वह भाई के अधूरे सपनों को पूरा करना चाहता है। वह इस समय एलएलबी (द्वितीय वषर्) का छात्र है। जनरल चौहान ने एक सवाल के जवाब में बताया कि सेना उनके इस जज़्बे का पूरा-पूरा सम्मान करते हुए इस महान इरादे को पूरा करने के लिए हरसंभव मदद करेगी। यदि उन्हें सेना में भर्ती होने का लक्ष्य पूरा करने के लिए किसी ट्रेनिंग आदि की जरूरत होगी, तो वह भी हासिल कराई जाएगी। इससे पूर्व सुबह से लंबे इंतजार के बाद देर शाम उनका शव सेना के वायुयान से पहले दिल्ली और फिर दिल्ली से हेलिकॉप्टर द्वारा मथुरा छावनी लाया गया। अब उनका अंतिम संस्कार सोमवार सुबह उनके पैत्रक गांव झण्डीपुर में किया जाएगा। सैन्य प्रवक्ता ने बताया कि सिपाही बबलू सिंह नौगाम सेक्टर में तैनात थे। यह पोस्ट समुद्र तल से 13,000 फीट की ऊॅंचाई पर बेहद कठिन और दुर्गम इलाके में स्थित है। नियंत्रण रेखा पर गश्त करते हुए सेना की टुकड़ी ने कुछ आतंकवादियों की उपस्थिति को भांप लिया और तुरंत जवाबी कारवाई की। इसी दौरान सिपाही बबलू सिंह आदि ने अपनी जान की परवाह न करते हुए दो आतंकवादियों को मार गिराया। इस कार्यवाही में सिपाही बबलू सिंह गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें तुरंत नज़दीकी चिकित्सा पोस्ट ले जाया गया। परंतु वीर सैनिक को शहादत प्राप्त हुई। शहीद सिपाही बबलू सिंह मथुरा के गांव झण्डीपुर के निवासी थे। उनके परिवार में पत्नी रविता देवी, पु़त्र द्रोण व पुत्री गरिमा हैं।

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