मंत्रियों को बर्खास्त करने से पहले अखिलेश यादव ने अपने सरकारी आवास पर विधायकों की बैठक बुलाई थी। बैठक में शिवपाल सर्मथकों को नहीं बुलाया गया था। इस बैठक में किसी को भी फोन ले जाने की अनुमति नहीं दी गई थी। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक अखिलेश ने बैठक में कहा था कि जो भी अमर सिंह के साथ है उन्हें हटाया जाएगा। मीडियो रिपोर्ट के अनुसार सीएम अखिलेश ने अमर सिंह को बैठक में ही दलाल कहा और कहा कि जिस व्यक्ति ने पार्टी में झगड़े पैदा किए उन्हें माफी नहीं दी जाएगी।
अखिलेश द्वारा शिवपाल एवं अन्य को कैबिनेट से निकालने के बाद मुलायम सिंह यादव ने अपने चचेरे भाई रामगोपाल यादव को पार्टी से छह साल के लिए निकाल दिया। रामगोपाल यादव ने शनिवार (22 अक्टूबर) को पार्टी कार्यकर्ताओं को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के समर्थन में एक पत्र लिखा था। न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, राम गोपाल ने पत्र में लिखा, ‘राष्ट्रीय विरोधियों के गले में फांस है, इस फांस को और शार्प करना है। अखिलेश का विरोध करने वाले विधान सभा का मुंह नहीं देख पाएंगे। जहां अखिलेश वहां विजय।’




































































