बिहार का युवा बना लातिन अमेरिकी फिल्म में स्टार, फरवरी में रिलीज होगी फिल्म

0
2 of 4
Use your ← → (arrow) keys to browse

प्रभाकर ने बॉलीवुड में जगह बनाने के लिए बहुत हाथ-पांव मारे। मनोज वाजपेयी के पिता की पैरवी वाली चिट्ठी लेकर वे मुबंई पहुंचे लेकिन काम बन नहीं पाया।

1997 में वे कोस्टारिका पहुंच गए। वहां पढ़ाई की और फिर कारोबार में हाथ आजमाया लेकिन नाकामियों और संघर्ष का सिलसिला जारी रहा।

इसे भी पढ़िए :  दिवाली और छठ के लिए चलेंगी स्पेशल ट्रेनें

प्रभाकर के सफर की तुलना किसी रोलर कोस्टर से की जा सकती है जिसमें ऊपर-नीचे जाने का सिलसिला बना रहता है।

इसे भी पढ़िए :  ऊर्जा दक्षता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से अब पेट्रोल पंपों पर भी मिलेंगे LED बल्ब और ट्यूब् लाइट, यूपी-महाराष्ट्र से होगी इसकी शुरुआत

उन्होंने बताया, “मेरी फ़िल्म भी एक रोलर कोस्टर की तरह ऊपर नीचे जाती है। कोस्टा रिका और इस इलाक़े में कभी भी एक्शन फ़िल्म नहीं बनी थी। शुरू से मैं बॉलीवुड में कुछ करना चाहता था। वहां भी मुंबई में मैंने कुछ कोशिश की थी। मौका नहीं मिलने पर मैं यहां आ गया था।”

इसे भी पढ़िए :  सलमान खान ने आमिर खान को दी सलाह : 'दंगल' में न दिखाएं सिक्स पैक ऐब्स

उन्होंने बॉलीवुड फिल्मों का लातिन अमरीका में वितरण के काम में भी हाथ आजमाया।

2 of 4
Use your ← → (arrow) keys to browse