पहले भी ऐसे मामलों पर यहां कई बार हिंसा हो चुकी है। चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के लिए भी यह एक बड़ी चुनौती है। पिछले कुछ सालों से सरकार ने सोशल मीडिया पर लोगों द्वारा चलाए जा रहे मुस्लिम विरोधी अभियान को रोकने की कोई कोशिश नहीं की। कोशिश करना तो दूर, बल्कि सरकार ने इस तरह की भावनाओं को भड़कने दिया। उइगर अल्पसंख्यक मुसलमानों के मुख्य इलाके शिंनजांग प्रांत में पिछले कुछ सालों से चीन ने सुरक्षा के नाम पर कई हिंसक कार्रवाइयां की हैं। अपनी कार्रवाई को सही साबित करने के लिए सरकार ने मुस्लिम विरोधी भावना को खूब फलने-फूलने दिया। ऑस्ट्रेलिया के एक प्रफेसर जेम्स लिबोल्ड ने बताया कि पिछले कुछ समय से चीन में सोशल मीडिया पर मुस्लिमों का विरोध बढ़ा है और यह और ज्यादा बढ़ रहा है।
चीन ने कुछ दिन पहले आदेश दिया था कि शिनजांग में कोई भी ‘असामान्य’ (मुस्लिमों द्वारा रखी जाने वाली खास तरह की) दाढ़ी नहीं रखेगा। साथ ही, कुछ यूरोपीय देशों की तर्ज पर चीन ने भी सार्वजनिक स्थानों पर महिलाओं के बुर्का पहनने पर पाबंदी लगी दी है। इससे पहले चीन ने शिनजांग प्रांत में रमजान के दौरान लोगों के रोजा रखने पर भी प्रतिबंध लगा दिया था। पिछले कुछ सालों में शिनजांग प्रांत अल्पसंख्यक उइगर समुदाय से संबंधित हिंसा के मामलों से जूझ रहा है। सैकड़ों लोग मारे गए हैं। चीन यहां की अस्थिरता और हिंसा के लिए इस्लामिक स्टेट (ISIS) और अलगाववादियों को दोष देता है। उसके दावों से अलग मानवाधिकार संगठनों का आरोप है कि यहां चीन की दमनकारी नीतियों के विरोध के तौर पर हिंसा हो रही है।