पाकिस्तानी अखबार द एक्सप्रेस ट्रिब्यून के अनुसार भीड़ द्वारा थाने के घेराव में लासबेला के डीएसपी मोहम्मद खोसा और दूसरे अधिकारी प्रदर्शनकारियों द्वारा की गयी पत्थरबाजी से जख्मी हो गये। पाकिस्तानी ईशनिंदा का कानून काफी विवादित रहा है। इस कानून को सैन्य तानाशाह ज़िया-उल-हक़ ने 1980 के दशक में लागू किया था। जिस किसी पर इसके तहत आरोप लगता है वो आसानी से कट्टरपंथियों के निशाने पर आ जाता है।
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के पूर्व गवर्नर सलमान तासिर की ईश निंदा कानून की आलोचना के कारण उनके ही पुलिस गार्ड ने हत्या कर दी थी। पिछले महीने खैबर पख्तूनख्वा में एक विश्वविद्यालय के छात्रों ने कथित ईश निंदा के आरोप में एक अन्य छात्र की पीट-पीट कर हत्या कर दी थी। मानवाधिकार संगठनों के अनुसार पाकिस्तानी ईशनिंदा कानून वहां के अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न का जरिया बन चुका है।































































