जन्माष्टमी पर ऐसे करें कान्हा जी की पूजा, जरूर होगा लाभ

0

पूजा अर्जना करते वक्त सबसे पहली ध्यान देने वाली बात ये है कि पूजा-पाठ शुभ मुहुर्त में किया जाए। तभी महत्व पूजन का महत्व है, और तभी पूजन से मिलने वाला लाभ संभव है। इस बार भगवान श्रीकृष्ण की जन्माष्टमी इस बार 25 अगस्त को है। ज्योतिषियों के मुताबिक 24 अगस्त को रात 10:17 मिनट से ही अष्टमी लग जायेगी। लेकिन व्रत रखने का अच्छा दिन गुरूवार को ही है इसलिए जन्माष्टमी का  व्रत इसी दिन यानी 25 अगस्त को ही रखे।

इसे भी पढ़िए :  अब बिना ऑपरेशन के पाइए नसबंदी जैसा सुख, सिर्फ एक बटन दबाएं और करें परिवार नियोजन

भगवान श्रीकृष्ण श्री विष्णु के आठवें अवतार हैं। यह भगवान श्रीकृष्ण का 524वां जन्मोत्सव है। जन्माष्टमी पूजन का सबसे शुभ मुहूर्त 12 बजे से लेकर 12:45 तक है। यूं तो पारण का समय 26 तारीख को सुबह 10 बजकर 52 मिनट है लेकिन जो लोग पारण को नहीं मानते वो भगवान श्रीकृष्ण के जन्म के बाद और उनकी पूजा करने के बाद यानी कि 25 अगस्त को ही रात 12:45 बजे के बाद अपना व्रत तोड़ सकते हैं।

इसे भी पढ़िए :  आज देशभर में विश्वकर्मा पूजा की धूम, पढ़िए क्या है आज के दिन का महत्व

इस दिन भगवान स्वयं इस दिन पृथ्वी पर अवतरित हुए थे इसलिए कृष्ण जन्माष्टमी अथवा जन्माष्टमी के रूप में मनाते हैं। जनमाष्टमी का व्रत महाव्रत माना जाता है। देशभर में पुरूष, महिलाएं और बच्चे जन्माष्टमी का व्रत  करते हैं। और ये परम्परा सदियों से हमारे देश में चली आ रही है।

इस दिन तीन मंत्रों का जाप बहुत शुभ और कल्याणकारी माना जाता है। सात अक्षरी, आठ अक्षरी और बारह अक्षरी मंत्र बोलने और जप करने में बड़े सरल और मंगलकारी हैं और ये मंत्र हैं –

इसे भी पढ़िए :  OMG! राजेश खन्ना और श्रीदेवी की डब्ल मीनिंग बातें सुनकर आपके होश उड़ जाएंगे, देखें वीडियो

‘गोकुल नाथाय नम:’
‘ऊँ नमो भगवते श्री गोविन्दाय’
‘गोवल्लभाय स्वाहा’

शास्त्रों में निम्न कृष्ण मंत्र को बहुत ही प्रभावशाली माना गया है। यह मंत्र बीज मंत्र की तरह काम करता है। यह अति गूढ़ मंत्र है। इस मंत्र से सभी प्रकार का भय और संकट दूर हो जाता है। जीवन में आने वाली बाधाएं दूर करने में भी यह मंत्र कारगर होता है।