दिल्ली:
पूर्व केंद्रीय मंत्री और समाजवादी पार्टी के सांसद बेनी प्रसाद वर्मा ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की हत्या में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की भूमिका पर सवाल उठाकर इस विवाद को नये सिरे से हवा दे दी है।
वर्मा ने बारादरी गांव में कल रात हुए ट्राइसायकिल वितरण कार्यक्रम के बाद संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ’’जब महात्मा गांधी की हत्या की गयी, संघ के कार्यकर्ताओं को पहले ही बता दिया गया था कि रेडियो खोलकर रखना..अच्छी खबर मिलेगी।’’ उन्होंने कहा, ’’महात्मा गांधी की हत्या के बाद संघ मुख्यालय पर मिठाई बांटी गयी थी और सरदार पटेल को उस पर प्रतिबंध लगाना पडा था।’’ वर्मा ने यह भी कहा कि पुलिस ने तब एक ऐसे संघ कार्यकर्ता को पकडा था जिसे यह कहकर रेडियो खुला रखने को कहा गया था कि अच्छी खबर मिल सकती है।
पचहत्तर वर्षीय वर्मा ने जेल में बंद रहे संघ नेता गोलवलकर और पटेल के बीच हुए कथित पत्र व्यवहार के हवाले से यह भी कहा कि पटेल ने संघ मुख्यालय पर मिठाई बांटे जाने को उनके खिलाफ सबसे मजबूत साक्ष्य बताया था।
हाल ही में कांग्रेस का दामन छोड़कर सपा में वापस लौटे वर्मा ने कहा कि आज राहुल गांधी के खिलाफ इस मुद्दे पर मुकदमा चल रहा है।
उन्होंने कहा कि ये लोग ऐसी हरकतों में लिप्त होते हैं, जिनका साक्ष्य आसानी से नहीं हासिल किया जा सकता।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को ईमानदार बताते हुए उन्होंने सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव की ही तरह पार्टी में भ्रष्टाचार को लेकर चिन्ता जतायी।
वर्मा ने कहा कि मुलायम सिंह खुद इसे लेकर चिन्तित हैं और अकसर कहते हैं कि चुनाव पैसे से नहीं जीता जाता। जनता ने भ्रष्टाचार के मुद्दे पर सरकारों को उखाड फेंका है।
उन्होंने किसानों का कर्ज माफ करने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की तारीफ की और कहा कि मोदी आजकल अडानी का कर्ज माफ कर रहे हैं। भाजपा और अन्य दलों में यही फर्क है।