नई दिल्ली। राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने राजद नेता मोहम्मद शहाबुद्दीन को जमानत मिलने के खिलाफ मशहूर वकील प्रशांत भूषण और बिहार सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट का अलग-अलग दरवाजा खटखटाए जाने पर पहले तो इसको लेकर अनभिज्ञता जाहिर की। लेकिन बाद में कहा कि राज्य सरकार ने इस बारे में जब निर्णय ले लिया है तो उस पर वे क्या कहें।
पटना में शुक्रवार(16 सितंबर) को पत्रकारों के शहाबुद्दीन को जमानत मिलने के खिलाफ मशहूर वकील प्रशांत भूषण और बिहार सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट का अलग-अलग दरवाजा खटखटाए जाने के बारे में पूछे जाने पर लालू ने शुरू में कहा कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है। लेकिन इसको लेकर कुरेदने पर उन्होंने कहा कि जब राज्य सरकार ने निर्णय ले लिया है तो उसपर वे क्या कहें। सरकार देखेगी कि उसे क्या करना है।
राजद की राष्ट्रीय समिति के सदस्य बाहुबली पार्टी नेता शहाबुद्दीन से उन्हें मिली जमानत के खिलाफ प्रशांत भूषण और राज्य सरकार के अपील दायर किए जाने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि वे न्यायालय का आदर करते हैं और उसके आदेश का पालन करेंगे।
वहीं सीवान में पत्रकारों से बातचीत करते हुए शहाबुद्दीन ने कहा कि ‘‘मैं अदालत के आदेश से जेल से बाहर आया और अगर कोई दूसरा आदेश आता है तो वे फिर से अंदर चले जाएंगे।’’ उन्होंने कहा कि ‘‘पूरा देश अदालत का आदर करता है, क्या मैं देश के बाहर हूं।’’
उल्लेखनीय है कि पटना हाई कोर्ट ने गत सात सितंबर को गैंगस्टर से राजनीति में आए पूर्व राजद सांसद शहाबुद्दीन को तेजाब से डालकर दो सगे भाईयों की हत्या करने के मामले में गवाह और मृतकों के एक अन्य सगे भाई की हत्या करने के मामले में जमानत दे दी थी, जिसके बाद वे गत 10 सितंबर को भागलपुर जेल से रिहा किए गए थे।
वर्ष 2004 में दो सगे भाईयों की तेजाब से डालकर हत्या कर देने के मामले में मृतकों के बडे भाई और चश्मदीद गवाह राजीव रौशन की 2015 में गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी। शहाबुद्दीन को जमानत मिलने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने के बाद प्रशांत भूषण ने कहा कि अदालत द्वारा इस मामले की सुनवाई अगामी सोमवार को की जाएगी।