हाल ही में असम विधानसभा चुनाव में जबरदस्त जीत दर्ज करने वाली बीजेपी आराम के मूड में बिल्कुल भी नहीं हैं। चंद रोज बाद ही नरेंद्र मोदी सरकार के दो साल पूरे होने जा रहे हैं और प्रधानमंत्री मोदी ने पार्टी के कायापलट के लिए विचार-विमर्श शुरू कर दिया है। प्रधानमंत्री के रडार पर उनके मंत्रिमंडल से लेकर बीजेपी संगठन और राज्यों के राज्यपाल तक शामिल हैं।
एनडीटीवी इंडिया के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और वित्त मंत्री अरुण जेटली के साथ दो घंटे से ज्यादा तक मीटिंग की। इस मीटिंग में उन्होंने एक ऐसी टीम बनाने पर विचार-विमर्श शुरू किया जो 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए जमीन तैयार करे और पार्टी का नेतृत्व भी करे।
सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने मंत्रिमंडल में फेरबदल कर कुछ नए चेहरों को शामिल कर सकते है। कुछ मंत्रियों को बाहर करने के साथ ही कुछ को पार्टी संगठन के कार्य में भी लगाया जा सकता है। इस फेरबदल के साथ राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को भी उपाध्यक्षों और महासचिवों की नई टीम मिल सकती है।
बीजेपी के लिए अगली बड़ी परीक्षा उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव हैं। साल 2014 के आम चुनाव में पार्टी ने इस राज्य की 80 में से 70 से ज्यादा लोकसभा सीटें जीती थीं। अगर 2017 विधानसभा चुनाव में बीजेपी उत्तर प्रदेश में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाती है तो इसका असर अगले लोकसभा चुनाव पर पड़ सकता है और बीजेपी को साल 2019 लोकसभा चुनावों में फिर से साल 2014 की जीत दोहराने में मुश्किल पेश आ सकती है। सूत्रों के अनुसार उत्तर प्रदेश से कुछ नए चेहरों को मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है।
बीजेपी और सरकार में होने वाले इस बदलाव को बीजेपी के वैचारिक संरक्षक आरएसएस द्वारा धार दी जाएगी। आरएसएस पूरी तरह से आश्वस्त है कि असम में उनकी रणनीति ने काम किया और उत्तर प्रदेश में भी उनकी बड़ी भूमिका होगी। सूत्रों का कहना है, ‘संघ को भी पता है कि उत्तर प्रदेश में जीत जरूरी है।’ यही कारण है कि संघ आगामी विधानसभा चुनाव के लिए खास लोगों को वहां नियुक्त करेगा।