पेट्रोल डीजल के दाम तय करने के लिए नए नियम बन चुके हैं। कच्चे तेल के अंतरराष्ट्रीय मूल्यों के आधार पर ईंधन कीमतों की हर पखवाड़े समीक्षा होती है, जिसमें तीनों सरकारी कंपनियां- इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिदुस्तान पेट्रोलियम मिलकर दाम तय करती हैं। कंपनियां इस समीक्षा के दौरान डॉलर और रुपए की विनिमय दर को भी ध्यान में रखती हैं। शनिवार को पेट्रोल के मूल्य में 1.34 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी हुई है। वहीं डीजल की कीमत 2.37 पैसे प्रति लीटर बढ़ाई गई है। इस बढ़ोत्तररी पर विपक्षी कांग्रेस ने भाजपा पर महंगाई बढ़ाने का आरोप लगाया है। सोशल मीडिया पर रविवार सुबह एक ट्रेंड चलाया- #जेब_कतरा_मोदी। ट्विटर पर लोग ईंधन की कीमतें बढ़ने के लिए लोग मोदी सरकार को जिम्मेबदार ठहरा रहे हैं। कुछ यूजर्स ने मनमोहन सिंह सरकार और नरेंद्र मोदी सरकार के कार्यकाल के दौरान पेट्रोल-डीजल के दामों की तुलना कर यह दिखाने की कोशिश की है कि केंद्र सरकार जान-बूझकर महंगाई बढ़ा रही है।
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