भारत को मिली बढ़त, रूस से मिलकर बनाएगें 25 अरब डॉलर की पाइपलाइन

0
25 अरब डॉलर

रूस और भारत ने मिलकर दुनिया की सबसे महंगी 25 अरब डॉलर की पाइपलाइन के बनाने की संभावना तलाशने की सहमति बनी है। इस पाइपलाइन से साइबेरिया से प्राकृतिक गैस का परिवहन दुनिया के तीसरे सबसे अधिक ऊर्जा खपत वाले देश भारत को किया जाएगा।

अधिकारियों ने बताया कि यह 4,500 से 6,000 किलोमीटर की पाइपलाइन रूसी ग्रिड को भारत से जोड़ेगी। सबसे छोटे मार्ग से यह पाइपलाइन हिमालय के रास्ते उत्तर भारत से जुड़ेगी। हालांकि, इस मार्ग में कई तकनीकी चुनौतियां हैं।वैकल्पिक मार्ग से यह पाइपलाइन मध्य एशियाई देशों…ईरान और पाकिस्तान से पश्चिमी भारत आ सकती है। हालांकि, यह मार्ग ईरान-पाकिस्तान-भारत की छोटी और सस्ती पाइपलाइन की तुलना में महंगी बैठेगी।

इसे भी पढ़िए :  अग्नि-4 की सफलता से चीढ़ा चीन, कहा- हम पाकिस्तान की मदद कर सकते हैं

अधिकारियों ने कहा कि ईरान द्वारा भारत को यह सुझाव दिया जा सकता है कि वह इतनी महंगी पाइपलाइन के निर्माण के बजाय गैस आईपीआई से लेकर जाए। तीसरा और सबसे लंबा विकल्प चीन और म्यांमा के रास्ते बांग्लादेश को अलग करते हुए पूर्वोत्तर भारत में पाइपलाइन लाना है। सार्वजनिक क्षेत्र की इंजीनियर्स इंडिया लि. ने शनिवार को रूसी गैस कंपनी गैजप्रोम के साथ रूस-भारत पाइपलाइन के अध्ययन के लिए शनिवार (15 अक्टूबर) को करार पर दस्तखत किए।

इसे भी पढ़िए :  6 साल पहले आज के दिन हुआ था ‘खौफ का खात्मा’, पढ़िए- मौत से पहले लादेन के वो आखिरी पल...

इंजीनियर्स इंडिया के शुरुआती अनुमान के अनुसार सबसे लंबे 6,000 किलोमीटर के मार्ग पर इसकी लागत 25 अरब डॉलर बैठेगी। ईआईएल के अनुसार गैस के परिवहन की लागत करीब 12 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू बैठेगी। सहमति ज्ञापन पर दस्तखत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की मौजूदगी में आठवें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से इतर भारत-रूस शिखर सम्मेलन के दौरान किए गए। इस अध्ययन में ओएनजीसी विदेश लि., गेल इंडिया लि. तथा पेट्रोनेट एलएनजी को भी शामिल किए जाने का प्रस्ताव है।

इसे भी पढ़िए :  हिज्बुल को US ने घोषित किया आतंकी संगठन