POK शरणार्थी के द्वारा हर साल की तरह इस साल भी 22 अक्तूबर को काला दिवस के लिए मनाया जाएगा। कबाइलियों के हमले में मारे गए शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की जाएगी। साथ ही एक बार फिर सरकार के सामने अपनी मांगों को रखकर पूरा करवाने का प्रयास किया जाएगा।
22 अक्तूबर 1947 को पाकिस्तान ने नियोजित तरीके से मुज्जफराबाद जिले में कबाइलियों के रूप हमला करके सैकड़ों हिंदुओं और सिखों को मारा था और हजारों परिवार बेघर हुए थे। इसी दिन को पीओके शरणार्थियों की तरफ से काला दिवस के रूप में मनाया जाता है। एसओएस इंटरनेशनल की तरफ से जीएमसी के बाहर स्थित पार्क में कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा, जिसमें सभी रिफ्यूजी अपने बाजुओं पर काली पट्टियां बांध कर अपना रोष प्रकट करेंगे। इसके साथ ही मारे गए सभी शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की जाएगी।
इसके अलावा एमजेआर 47, पीओके डीपी फ्रंट व अन्य संगठनों की तरफ से भी कार्यक्रम का आयोजन करके सरकार के सामने अपनी मांगों को रखेगी। एसओएस इंटरनेशनल के चेयरमैन राजीव चुन्नी ने कहा कि 22 अक्तूबर 1947 को पाकिस्तान ने नियोजित तरीके से हमला करवाया था। इस हमले में सैकड़ों हिंदू और सिख परिवारों ने हमलावरों का डटकर सामना किया था। हमले में सैकड़ों परिवार मौत के घाट उतार दिए गए थे। हजारों परिवार बेघर हो गए और मुजफ्फराबाद को छोड़ कर राज्य सहित देश के विभिन्न हिस्सों में चले गए। सात दशक से यह परिवार परेशानियों से जूझते हुए जीवन जीने को मजबूर हैं।
शरणार्थी सरकार के सामने 31,619 परिवारों को पुनर्वास पैकेज की राशि जल्द जारी करने, 1947 के हमले में मारे गए 40 हजार शहीदों की याद में एक मेमोरियल बनाने, बाहरी राज्यों में रहने वाले 5300 परिवारों के सदस्यों के स्टेट सब्जेक्ट बनाने की मांगों को उठाते रहे हैं। इसके अलावा ये लोग 9600 परिवारों की रजिस्ट्रेशन करवाने की मांगों को भी प्रमुखता से उठाते रहे हैं। अब उनकी मांग है कि सरकार उनकी मांगों को जल्द से जल्द पूरा करे।