सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर देश भर में राजनीती जारी है। एक तरफ बीजेपी इसका श्रेय बटोरने में लगी है वहीं कांग्रेस का कहना है कि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है और साथ ही यह भी आरोप लगाया कि मौजूदा सरकार इसका फायदा उठाने की कोशिश कर रही है। वही कुछ पार्टिया सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत की पेशकश कर रही हैं। इसी के बीच विदेश मंत्रालय द्वारा मंगलवार को संसदीय पैनल में बताया कि नियंत्रण रेखा पार पहले भी लक्षित और सीमित क्षमता वाले आतंक रोधी अभियान हुए हैं। उन्होंने कहा कि 29 सितंबर के सर्जिकल स्ट्राइक के बाद भविष्य में पाकिस्तान के साथ बातचीत का कैलेंडर अभी तैयार नहीं हुआ है। अभियान के तुरंत बाद पाकिस्तान सैन्य संचालन महानिदेशक को इस बारे में सूचना दी गई थी।
आपको बता दे, इससे पहले रक्षा मंत्री मनोहर पर्रीकर ने भी संप्रग सरकार के कार्यकाल में सर्जिकल स्ट्राइक के कांग्रेस के दावे को खारिज कर दिया था।
सूत्रों के मुताबिक, ब्रीफिंग में कांग्रेस के सदस्य सत्यव्रत चतुर्वेदी ने पूछा था कि क्या पाकिस्तान के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक्स पहली बार हुए हैं? इसके जवाब में विदेश सचिव ने कहा कि ‘सीमित क्षमता, लक्ष्य विशिष्ट, आतंकवाद विरोधी कार्रवाई’ पहले भी होती रही हैं। लेकिन कभी उनका जिक्र नहीं किया गया। हालांकि, पहले हुई कार्रवाई को उन्होंने सर्जिकल स्ट्राइक का नाम नहीं दिया। विदेश सचिव ने यह भी बताया कि स्ट्राइक के बाद 29 सितंबर को पाकिस्तान मिलिट्री ऑपरेशन के डायरेक्टर जनरल को सूचना भी दे दी गई थी। ब्रीफिंग में सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत के बारे में भी सवाल किया गया। उसपर सरकार की तरफ से जवाब आया कि स्पेशल फोर्स स्ट्राइक करने गई थी सबूत जुटाने के लिए नहीं।