नई दिल्ली। नोटबंदी को लेकर शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन गुरुवार(17 नवंबर) को नोटबंदी पर जमकर हंगामा हुआ। विपक्ष के हंगामे के कारण लोकसभा-राज्यसभा शुक्रवार तक के लिए स्थगित करनी पड़ी। इस दौरान राज्यसभा में चर्चा के दौरान विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद के विवादित बयान को सदन की कार्यवाही के रिकॉर्ड से हटा दिया गया है।
सदन की कार्यवाही के दौरान आजाद ने नोटबंदी के बाद मरने वाले लोगों की संख्या की तुलना उरी हमले में मारे गये लोगों से कर दी। इस बयान के बाद सदन में हंगामे का माहौल कायम हो गया, जिसके कारण सदन की कार्यवाही को पूरे दिन के लिए स्थगित करना पड़ा।
सरकार ने नोटबंदी से हुई मौतों को उड़ी हमले से जोड़ने की कड़ी आलोचना करते हुए आजाद से बिना शर्त माफी की मांग की थी। हालांकि, कांग्रेस ने साफ कर दिया कि आजाद माफी नहीं मांगेंगे। पार्टी के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि आजाद जी क्यों माफी मांगें, उन्होंने कुछ गलत नहीं किया है।
दरअसल, राज्यसभा में नोटबंदी पर चर्चा के दौरान गुलाम नबी आजाद ने विवादित बयान दिया था। उन्होंने नोटबंदी के चलते कथित तौर पर हुई मौतों को उड़ी हमले से जोड़ दिया था। इस बयान के बाद भाजपा और सरकार के कड़े विरोध के बाद इसे कार्यवाही के रिकॉर्ड से हटा दिया गया है।
संसदीय कार्य मंत्री वेंकैया नायडू ने इस बयान को कार्यवाही से हटाने की मांग करते हुए कहा कि ऐसा बयान देना बेहद अपमानजनक है। उन्होंने कहा कि विपक्ष के नेता इसकी तुलना पाकिस्तान के आतंकी हमलों से कर के देश का अपमान कर रहे हैं।
नायडू के विचारों से सहमति व्यक्त करते हुए संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने कहा कि आजाद की टिप्पणी बेकार, राष्ट्रविरोधी और शहीदों का अपमान है। वहीं, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने आजाद का बचाव करते हुए उनके ऊपर किये गये प्रहार को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और उनकी टिप्पणियों को जबर्दस्ती शरारतपूर्ण ढंग से विकृत करना बताया।