नई दिल्ली। नोटबंदी के मुद्दे पर संसद के दोनों सदनों में गुरुवार(17 नवंबर) को जमकर हंगामा हुआ, जिसके चलते लोकसभा में केवल प्रश्नकाल हो सका, जबकि राज्यसभा में कोई कामकाज नहीं हुआ।
राज्यसभा में कांग्रेस के नेतृत्व में सभी विपक्षी पार्टियों ने एक स्वर में यह मांग की कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सदन में आकर नोटबंदी पर बयान दें, जबकि सत्ता पक्ष ने इसे नहीं स्वीकारा और कहा कि विपक्ष इस पर हो रही चर्चा से नहीं भागे।
कांग्रेस के सांसद गुलाम नबा आजाद ने कहा कि जब तक बहस के लिए पीएम सदन में नहीं आते, हम कार्यवाही नहीं चलने देंगे। विपक्षी दलों ने नोटबंदी पर स्थगन प्रस्ताव दिया और कहा कि इस फैसले के चलते आम लोगों को हो रही परेशानियों की ओर सरकार का ध्यान खींचना चाहते हैं।
बसपा प्रमुख मायावती ने जनता की तकलीफ को लेकर केंद्र की उदासीनता की आलोचना की और कहा कि विपक्ष संसद में तब तक नोटबंदी पर बहस होने नहीं देगा, जब तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सदन में मौजूद नहीं होंगे।
संसद भवन परिसर में माया ने कहा कि सभी विपक्षी दलों ने तय किया है कि नोटबंदी पर वे बहस तब तक नहीं होने देंगे, जब तक मोदीजी सदन में नहीं आ जाते।