नोटबंदी पर विपक्ष ने तो केंद्र सरकार की नाक में दम कर ही रखा है लेकिन मोदी के इस फैसले की सरकार की सहयोगी शिवसेना ने भी खूब निंदा की है। नोटबंदी से देश की आवाम को जिन मुश्किलों से गुजरना पड़ रहा वो सब देखकर शिवसेना मोदी सरकार से काफी नाराज़ चल रही थी। जब शिवसेना ने नरेंद्र मोदी के सामने अपनी नाराजगी जताई तो पीएम ने सिर्फ इतना ही कहा कि अगर बाल ठाकरे आज जिंदा होते तो केंद्र सरकार के इस कदम का समर्थन करते। बस फिर क्या था मोदी के इस भावनात्मक बयान का असर हुआ और शिवसेना के गरम सुर ठंडे पड़ गए।
दरअसल दो पेज का मेमोरेंडम लेकर शिवसेना सांसदों ने सहकारी बैंकों, जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों और रीढ़ सहकारी सोसायटी को पुराने नोट बदलने की इजाजत दिए जाने की मांग को लेकर प्रधानमंत्री से मुलाकात की। इससे पहले सरकार की पुरानी सहयोगी पार्टी ने नोटबंदी का विरोध कर रही तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी का साथ देकर केंद्र सरकार को असमंजस में डाला था।
लेकिन जब मोदी ने बाल ठाकरे की बात की तो शिवसेना सांसदों के ही नहीं बल्कि शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे का भी दिल पिघल गया। पार्टी सूत्रों के मुताबिक उन्होंने कहा कि सरकार को उन सवालों के जवाब देने चाहिए जो आम आदमी और पार्टी उठा रही है। फिलहाल पार्टी ने अपने विरोध को टालने का फैसला लिया है जो सरकार के लिए बड़ी राहत है।