पूरा देश आज भारतीय संविधान के निर्माता बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर की 60वीं पुण्यतिथि मना रहा है। बाबा साहब का योगदान देश को राजनैतिक, सामाजिक, आर्थिक रुप से विकास को गति देने में रहा है। भारत के अब के सबसे महान अर्थशास्त्रियों मे से एक महान बाबा साहब ने देश को लिखित संविधान दिया जो विश्व प्रसिद्ध है। आपको बता दें कि उन्हें बाबा साहब के नाम से जाना जाता है जिसका मराठी भाषा में अर्थ होता है ‘पिता’।
मोदी ने ट्वीट में कहा, “बाबासाहेब अंबेडकर के निर्वाण दिवस पर मैं उनको नमन करता हूं। देश के लिए उन्होंने जो काम किए हैं भारत उसके लिए हमेशा उनका आभारी रहेगा।” संसद में एक कार्यक्रम में उन्होंने अंबेडकर को पुष्पांजलि भी अर्पित की। बाबासाहेब अंबेडकर के नाम से लोकप्रिय अंबेडकर भारतीय संविधान के वास्तुकार हैं।
गौरतलब है कि आज जिस समाज को हम बदला हुआ देखते हैं तो कहीं न कहीं अंबेडकर की ही देना हैं उन्होंने सभी को एकता की कड़ी में बांधा। वे एक विधिवेता, अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ और समाज सुधारक थे। आपने दलित समाज, मजदूर वर्ग और महिलाओं के प्रति सामाजिक भेदभाव के खिलाफ आवाज उठाई और अभियान चलाए ।
बाबा साहेब एक ऐसे व्यक्ति थे जो समय से आगे चला करते थे। सामाजिक बुराईयों को दूर करने के उनके प्रयासों और उनके द्वारा शिक्षा को दिये गए महत्व का हम स्मरण करते हैं। डॉ अम्बेडकर दलितों और शोषितों की आवाज बन गये थे। उनकी सोच और आदर्श हमें समानता पर आधारित समाज बनाने में मार्ग दर्शक बने रहेंगे।
प्रधानमंत्री के मुताबिक बाबा साहब दलित और सताए गए लोगों की आवाज थे। उनके विचार और आदर्श एक समतामूलक समाज के निर्माण की दिशा में हमारा मार्गदर्शन करते हैं।
बाबा ने दलित और पीड़ित जनता के हदय-सम्राट बनकर 14 अक्टूबर 1956 को अशोक विजयादशमी के दिन नागपुर में अपने पांच लाख साथियों के साथ बौद्धधर्म की दीक्षा ली ।
I bow to Dr. Babasaheb Ambedkar on his Nirvan Divas. India will always be thankful to Babasaheb for his rich service to the nation.
— Narendra Modi (@narendramodi) December 6, 2016