बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की मुखिया मायावती ने दावा किया कि धर्मनिरपेक्षता की बुनियाद पर देश का संविधान बनाने वाले बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के प्रति गंदी मानसिकता की वजह से ही बीजेपी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने अयोध्या में विवादित ढांचा गिराने के लिए 6 दिसंबर का दिन चुना था।
मायावती ने अंबेडकर के 61 परिनिर्वाण दिवस पर लखनऊ में आयोजित कार्यक्रम में कहा कि वर्ष 1992 में केंद्र में कांग्रेस और प्रदेश में बीजेपी की सरकार के शासनकाल में अयोध्या में बाबरी मस्जिद के विवादित ढांचे को खंडित करने के लिए अंबेडकर परिनिर्वाण दिवस यानी 6 दिसंबर को इसलिए चुना गया था, क्योंकि बाबा साहब ने धर्मनिरपेक्षता के आधार पर संविधान बनाया था, जो इन ताकतों को पसंद नहीं था।
भाषा की खबर के अनुसार, उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी और संघ के लोग यह कतई नहीं चाहते कि हिन्दुओं को छोड़कर अन्य धर्मों के मानने वाले लोग मान-सम्मान की जिंदगी जिए। वे नहीं चाहते कि उनके धार्मिक स्थल और भविष्य सुरक्षित रहें। अंबेडकर ने उनकी मानसिकता को भांप लिया था, इसे ध्यान में रखते हुए धर्मनिरपेक्षता की बुनियाद पर संविधान बनाया। बीजेपी और संघ के लोगों ने गंदी मानसिकता के तहत अंबेडकर के परिनिर्वाण दिवस पर ढांचे को खंडित किया।
बीएसपी सुप्रीमो ने कहा कि कांग्रेस और बीजेपी के लोग मुस्लिम समाज के गरीबों को आर्थिक आधार पर आरक्षण सपने में भी देने को नहीं तैयार हैं। बीएसपी इसके लिए संसद के अंदर और बाहर आवाज उठाती रही है।