नई दिल्ली : किसानों की हिमायती बनी कांग्रेस पार्टी अपने ही रचे चक्रव्यू में फंस गयी है। जिसके चलते पीएम मोदी की नोटबंदी को लेकर एकजुट हुए विपक्ष में अब फूट पड़ती दिखाई दे रही है। दरअसल राष्ट्रपति से मुलाकात के पहले विपक्षी एकता टूट गयी है। विपक्षी पार्टियों ने इसके लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया है। विपक्ष का कहना है कि कांग्रेस ने पीएम मोदी से अकेले मुलाकात क्यों की। क्या बाकी पार्टियों को किसानों की चिंता नहीं है। इसके साथ ही विपक्ष ने यह भी कहा कि हम 20 दिनों से सदन में कह रहे हैं कि पीएम मोदी को आना चाहिए, फिर कांग्रेस को अकेले जाकर उनसे मिलने की क्या जरूरत थी?
दरअसल 16 पार्टियां शुक्रवार को राष्ट्रपति से मुलाकात करने वाली थीं, लेकिन बाद में समाजवादी पार्टी, डीएमके बीएसपी,एनसीपी और लेफ्ट पार्टियों ने साथ जाने से इनकार कर दिया। कांग्रेस के साथ जेडीयू, तृणमूल और आरजेडी के नेताओं ने राष्ट्रपति से नोटबंदी के मामले पर मुलाकात की। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी भी राष्ट्रपति से मुलाकात करने वाले प्रतिनिधिमंडल में शामिल थीं।