राजनीतिक दलों के खातों की जांच ना होने पर सरकार ने दी ये सफाई

0
राजनीतिक दलों के खातों
फाइल फोटो।

केंद्र सरकार के राजनीतिक दलों के खातों में जमा रकम पर टैक्‍स नहीं लगने के ऐलान के बाद से आलोचनाओं में घिरी सरकार ने इस पर सफाई दी है। सरकार की ओर से कहा गया है कि राजनीतिक दलों के खातों पर कार्रवाई करने के लिए आयकर कानून में पर्याप्‍त नियम बने हुए हैं, हालांकि उनकी कमाई पर टैक्‍स नहीं लगता है। केंद्रीय प्रत्‍यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) की ओर से कहा गया कि रजिस्‍टर्ड राजनीतिक दलों को मिलने वाला चंदा आयकर से अलग है। लेकिन खातों की ऑडिट की जरूरी है और 20 हजार रुपये से ऊपर के चंदे पर टैक्‍स तय है।

इसे भी पढ़िए :  विपक्ष ने राज्यसभा में नोटबंदी का किया विरोध, पीएम मोदी पर जमकर साधा निशाना

सीबीडीटी की ओर से बताया गया कि राजनीतिक दलों के खातों की जांच के लिए आयकर कानून में पर्याप्‍त नियम है। ये राजनीतिक दल रिटर्न भरने सहित आयकर के अन्‍य नियमों के तहत आते हैं। कुछ शर्तों के साथ ही रजिस्‍टर्ड दलों को छूट दी गई है। यह शर्तें आईटी एक्‍ट की धारा 13ए में दर्ज हैं। अगर 20 हजार रुपये से ज्‍यादा का चंदा मिलता है तो राजनीतिक पार्टियों को उसका हिसाब किताब रखना होगा। साथ ही इसकी ऑडिट सीए से करानी होगी। चंदे की जानकारी चुनाव आयोग को भी देनी होगी।

इसे भी पढ़िए :  नोटबंदी: राजनीतिक दलों के खाते में पुराने नोट जमा करने पर नहीं लगेगा टैक्स

गौरतलब हो कि, 16 दिसंबर को वित्त सचिव अशोक लवासा ने बताया था कि 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों को बैंक में जमा कराने पर राजनीतिक दलों पर कोई टैक्‍स नहीं लगेगा। राजनीतिक पार्टियों को आयकर कानून से अलग रखा गया है।

इसे भी पढ़िए :  हैदराबाद बम विस्फोट मामला: यासीन भटकल समेत पांच आतंकी दोषी करार