पढ़िए, कश्मीर में इंटरनेट बैन करने के लिए क्यों मजबूर हो गई सरकार

0

जम्मू: जम्मू कश्मीर के उपमुख्यमंत्री और भाजपा नेता निर्मल सिंह ने कहा है कि जिस तरह सोशल मीडिया और कुछ ग़ैर ज़िम्मेदार मीडिया ने बुरहान वानी को जगह दी, उससे युवाओं में कट्टरता आई।इसे देखते हुए ही सरकार ने इंटरनेट पर पाबंदी की कार्रवाई की।उन्होंने कहा कि अभी सरकार की प्राथमिकता शांति और अमन स्थापित करने और तथ्यों को सामने लाने की है। जांच में सामने आए तथ्यों के आधार पर सरकार कार्रवाई पर विचार करेगी।उपमुख्यमंत्री ने कहा कि बुरहान वानी की मुठभेड़ में मौत के बाद पहले दिन कश्मीर में जो कुछ हुआ, वह सब सोशल मीडिया की वजह से हुआ। इस दौरान कुछ अख़बारों की भूमिका संतुलित नहीं थी। इस वजह से इतनी हिंसा हुई।

इसे भी पढ़िए :  'जब फैसला सुना तो सही लगा, लेकिन जब विनाश देखा तो घबरा गया' : शरद पवार

150301140546_narendra_modi_and_nirmal_singh_624x351_getty

उन्होंने कहा, ‘सुरक्षा बलों ने जब यह ऑपरेशन किया तो किसी को पता नहीं था कि बुरहान वानी वहां हैं। उनकी पहचान के बाद यह बात सोशल मीडिया पर फैल गई। उसके एकदम बाद जो घटनाएं हुईं, वो लोगों की प्रतिक्रिया थी’।
उन्होंने कहा कि इसके बाद सरकार के सामने दो तरह के विकल्प थे, पहला यह कि लोकतांत्रिक अधिकारों का बहाल किया जाए या नहीं और दूसरा यह कि इस तरह की हिंसा को फिर से आमंत्रित करना।इसलिए सरकार ने व्यापक हित को ध्यान में रखते हुए कुछ पाबंदियां लगाने का फ़ैसला किया। क्योंकि इससे पहले जब जम्मू कश्मीर में इस तरह के हालात पैदा होते थे तो, इस तरह की पाबंदियों से लोगों की जिंदगी बचाने और क़ानून-व्यवस्था सुधारने में मदद मिलती थी।

इसे भी पढ़िए :  यूपी चुनाव 2017 : चौथे चरण में दोपहर 1 बजे तक 38.14 फीसदी मतदान

उन्होंने कहा कि इस वक्त घाटी में इमरजेंसी जैसे हालात हैं, अभी तक जितना हो चुका है, बात उससे आगे न बढ़े, इससे बचने के लिए सरकार ने इस तरह की कार्रवाई की।हिंसा के ताज़ा दौर के लिए खुफ़िया तंत्र की नाकामी की बात को नकारते हुए निर्मल सिंह ने कहा कि जिस मुठभेड़ में बुरहान और दो अन्य आतंकवादी मारे गए और शोपियां में जो हुआ, वह सीमा पर पुख्ता इंतजाम का परिणाम हैं।लोगों पर पैलेट गन के इस्तेमाल को लेकर उठाए जा रहे सवाल और उस पर पाबंदी के सवाल पर उन्होंने कहा, ”पैलेट गन पर जो सवाल उठाए जा रहे हैं और उस पर जो बहस हो रही है, उस पर सरकार का ध्यान है। आने वाले समय में उपयुक्त फ़ैसला लिया जाएगा। केंद्र सरकार की भी इस पर नज़र है’।

इसे भी पढ़िए :  कैशलेस अभियान चलाने वाली बीजेपी खुद अभी तक नहीं हो पाई कैशलेस! जरूर पढ़ें ये खबर


उन्होंने कहा कि पहले दिन लोगों ने पुलिस थानों और अदालतों को जलाया, इस हालात में सुरक्षा बलों ने आत्मरक्षा में कार्रवाई की। यह बहुत कष्ट और दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस तरह की घटनाओं में इतने लोगों की जान गई। हालांकि संख्या को लेकर लोग अलग-अलग बातें कह रहे हैं।