नई दिल्ली: आम बजट में रेल किराया बढ़ने की कोई संभावना नहीं है। इसे लेकर रेलवे और वित्त मंत्रालय के बीच लगभग आम राय बन चुकी है। यह अलग बात है कि दोनों ही किराया बढ़ाने के पक्ष में हैं। परंतु मौजूदा राजनीतिक हालात के मद्देनजर फिलहाल इस जोखिम को टालना ही बेहतर समझा गया है। इस पर कोई फैसला अब उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों के बाद ही होगा। रेल मंत्रलय के आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, चूंकि इस बार अलग से रेल बजट पेश नहीं होगा। लिहाजा किराये-भाड़े में बढ़ोतरी का फैसला वित्त मंत्रलय को ही करना था। वित्त मंत्री अरुण जेटली पिछले दिनों रेल किरायों में बढ़ोतरी की जरूरत बता चुके हैं, इसलिए माना जा रहा था कि शायद वह बजट में इसका एलान करें। लेकिन, अब इसकी कोई संभावना नजर नहीं रही। खुद रेल मंत्रालय के अफसर इसकी ताकीद कर रहे हैं। उनका कहना है कि रेलवे की माली हालत को देखते हुए किराये बढ़ाने के अलावा कोई चारा नहीं है, लेकिन मौजूदा हालात में वित्त मंत्रलय भी यह जोखिम उठाने को तैयार नहीं है। इसलिए इस पर अब कुछ महीनों बाद ही निर्णय होगा।
































































