अफसरों को भरोसा है कि खराब हालत के बावजूद वह बजट में रेलवे की बेहतर छवि पेश कर पाने में कामयाब रहेंगे। क्योंकि जहां कोयला, सीमेंट, लोहा आदि की ढुलाई और कमाई घटी है और डीजल के दाम बढ़े हैं, वहीं बिजली खर्च के अलावा कुछ अन्य मदों में 400-500 करोड़ रुपये की बचत भी हुई है। इससे रेलवे 94 फीसद का आपरेटिंग रेशियो (100 रुपये की आमदनी में 94 रुपये का खर्च, यानी छह रुपये की बचत) प्राप्त करने में कामयाब रहेगी। पिछले रेल बजट में आपरेटिंग रेशियो 92 फीसद था। मौजूदा हालात को देखते हुए यह बहुत बुरी स्थिति नहीं है। सबसे बड़ी बात यह है कि जरूरी मदों में कोई कटौती नहीं होगी। खासकर संरक्षा में, जिसके लिए वित्त मंत्रलय ने 20 हजार की मांग के मुकाबले कम से कम 10 हजार करोड़ रुपये के आवंटन का भरोसा दिया है।