रिपब्लिक डे परेड के मौके पर इस बार यूएई के मिलिटरी पैराट्रूपर्स के करतब दिखाने के प्रस्ताव को भारत ने इजाजत नहीं दी है। जी हां इस बार 26 जनवरी की परेड में यूएई के मिलिटरी पैराट्रूपर्स नहीं देखने को मिलेगे। यह फैसला सरकार ने सुरक्षा कारणों की वजह से लिया है। भारतीय पक्ष का यह भी कहना है कि मौसम की वजह से भी इस योजना में खलल पड़ सकती थी। इस बार रिपब्लिक डे परेड के मौके पर मुख्य अतिथि के तौर पर मौजूद रहेंगे अबू धाबी के क्राउन प्रिंस शेख मोहम्मद बिन जायद अल नहयान। क्राउन प्रिंस यूएई आर्म्ड फोर्सेज के डिप्टी सुप्रीम कमांडर भी हैं।
भारत ने भले ही यूएई के पैराट्रूपर्स को राजपथ पर अपना हुनर दिखाने की इजाजत न दी हो, लेकिन यह भी दरख्वास्त की है कि वह परेड में मार्च करने के लिए सैनिक दल और मिलिटरी बैंड भेजे। अगर भारत का निमंत्रण कबूल कर लिया जाता है तो ऐसा दूसरी बार होगा, जब किसी विदेशी सैन्य दल को भारत के सालाना रिपब्लिक डे परेड में शिरकत करने का मौका मिलेगा। फ्रांस की सैन्य टुकड़ी भी 2016 में राजपथ पर परेड में शामिल हो चुकी है। तब फ्रांस के राष्ट्रपति ओलांद मुख्य अतिथि थे।
पहचान सार्वजनिक न किए जाने की शर्त पर कुछ अधिकारियों ने बताया कि शुरुआत में यूएई की ओर से प्रस्ताव आया कि परेड के दौरान उनके पैराट्रूपर्स मिलिटरी एयरक्राफ्ट से जंप करके राजपथ पर लैंड करेंगे। इसके लिए बड़े पैमाने पर सुरक्षा इंतजाम की जरूरत पड़ती है। भारतीय अफसरों ने इस ओर भी ध्यान दिलाया कि 26 जनवरी को कैसा मौसम रहेगा, इसे लेकर अनिश्चितता है।