‘साइकिल’ नहीं मिली तो ‘किसान’ के साथ विस चुनाव में उतरेंगे मुलायम

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‘साइकिल’

लखनऊ समाजवादी पार्टी का सिंबल सीज हुआ तो एसपी मुखिया मुलायम सिंह यादव सालों पुरानी अपनी पार्टी की राह पकड़ सकते हैं। अब तक ‘साइकिल’ सिंबल के लिए लड़ रहे मुलायम को लोकदल से हल जोतता हुआ किसान के पुराने सिंबल का सपोर्ट मिल सकता है। इसकी पूरी तैयारी हो चुकी है। लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुनील सिंह से इस बारे में कई दौर की बातचीत हो चुकी है। इंतजार सिर्फ ‘साइकिल’ सिंबल के सीज होने का है।

एसपी मुखिया मुलायम सिंह और सीएम अखिलेश यादव दोनों ने चुनाव आयोग में अपने-अपने दावे कर रखे हैं। इसके एवज में दोनों ने कई प्रमाण भी आयोग के सामने रखे हैं। टीम अखिलेश की ओर से जहां 206 विधायकों, 56 एमएलसी के साथ 4000 से ज्यादा शपथ पत्र अखिलेश यादव को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने के समर्थन में दाखिल किए गए हैं। वहीं एसपी मुखिया मुलायम सिंह यादव ने एसपी के महासचिव प्रो.रामगोपाल के बुलाए गए सम्मेलन को असंवैधानिक बताते हुए अपना दावा पेश किया है। आयोग 13 जनवरी को इस पर कोई फैसला ले सकता है। सूत्रों का कहना है कि आयोग सिंबल और राष्ट्रीय अध्यक्ष पद को लेकर सुनवाई तो करता रहेगा पर इससे पहले वह साइकल सिंबल सीज कर सकता है। ऐसे में एसपी मुखिया मुलायम सिंह यादव और सीएम अखिलेश यादव को विकल्प के तौर पर नए सिंबल दिए जा सकते हैं।

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सूत्रों का कहना है कि अमर सिंह ने लोकदल के अध्यक्ष सुनील सिंह से इस बारे में लंबी बात की है। मुलायम सिंबल सीज होने के बाद अपने पुराने दल के निशान से चुनाव मैदान में जाने को तैयार भी हैं, क्योंकि उनके राजनैतिक जीवन की शुरुआत लोकदल से ही हुई थी। मुलायम 1982 में लोकदल के अध्यक्ष बनाए गए थे। वह खुद को अब तक लोकदल के संस्थापक चौधरी चरण सिंह का असली वारिस भी बताते आए हैं। 1985 में मुलायम ने यूपी में लोकदल को 85 सीटों पर जीत भी दिलवाई थी। इसके बाद ही उन्हें विपक्ष का नेता बनाया गया था। कहा जा रहा है कि अमर के साथ शिवपाल भी सुनील सिंह के संपर्क में हैं। कई दौर की बातचीत हो चुकी है। आखिरी फैसला मुलायम को लेना है।

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