जाने माने पत्रकार और अटल बिहारी वजपाई में मंत्री रहे अरुण शौरी ने एक अंग्रेजी अखबार को दिये अपने इंटरव्यू में पीएम नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए खूब आलोचना की है। इंटरव्यू में शौरी ने पीएम मोदी का 2014 में समर्थन को अपनी जिंदगी की दूसरी बड़ी गलती करार दिया है।
उन्होंने इंटरव्यू में कहा कि राजीव गांधी के खिलाफ वीपी सिंह का समर्थन करना उनके जीवन की पहली सबसे बड़ी गलती थी तो 2014 में मोदी का समर्थन करना जीवन की दूसरी सबसे बड़ी गलती थी। अरुण शौरी ने अंग्रेजी वेबसाइट ‘द वायर’ को इंटरव्यू में यह बात कही।
अरुण शौरी का पीएम मोदी की खिलाफत करना यह पहला मामला नहीं है, इससे पहले भी वो मोदी सरकार की आलोचना कर चुके हैं। इससे पहले नोटबंदी के फैसले के बाद उन्होंने मोदी सरकार पर तीखे व्यंग किये थे। उन्होंने कहा था कि नरेंद्र मोदी सरकार का फैसला ‘अच्छी तरह सोचा-समझा’ नहीं था। हालांकि शौरी साथ ही ये भी कहा कि इस फैसले की मंशा पर सवाल नहीं उठा सकते, मोदी सरकार की मंशा भली हो सकती है। एनडीटीवी से बात करते हुए शौरी ने कहा था, “नोटबंदी का मकसद कालाधन खत्म करना बताया गया है तो इसलिए हर कोई कहेगा कि बहुत अच्छा। लेकिन मुझे नहीं लगता कि ये स्ट्राइक (हमला) अच्छी तरह सोच-समझकर की गई है। ये स्ट्राइक कालेधन पर नहीं है। ये स्ट्राइक भारत में नोटों के कानूनी चलन पर है। ये नकद लेन-देन पर स्ट्राइक है।”
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