संघ के बयान पर अब NDA में भी घमासान, पासवान बोले- आरक्षण कोई खैरात नहीं, संवैधानिक अधिकार है

0
फाइल फोटो।

नई दिल्ली। आरक्षण की व्यवस्था खत्म करने के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएएएस) प्रवक्ता मनमोहन वैद्य के बयान ने चुनावी मौसम में विपक्षी दलों को संघ-भाजपा के खिलाफ हमले का बड़ा हथियार दे दिया है। साथ ही इस बयान को लेकर अब राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में भी घमासान शुरू हो गया है।

इस बीच केंद्रीय मंत्री और एनडीए के घटक दल लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) प्रमुख राम विलास पासवान ने आरएसएस प्रवक्ता की टिप्पणी पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए शनिवार(21 जनवरी) को कहा कि आरक्षण कोई खैरात नहीं है और यह एक संवैधानिक अधिकार है, जिसे कोई खत्म नहीं कर सकता।

इसे भी पढ़िए :  सत्ता नहीं मिलने तक आरएसएस ने तिरंगे को नहीं किया सलाम: राहुल गांधी

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आरक्षण कोई खैरात नहीं है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और बाबा साहेब अंबेडकर के बीच हुए पूना समझौता में यह प्रावधान किया गया था। जब तक देश में जाति प्रथा रहेगी तब तक आरक्षण बना रहेगा।

इसे भी पढ़िए :  आरक्षण की मांग को लेकर मुंबई में मराठाओं का आंदोलन तेज

आपको बता दें कि जयपुर साहित्योत्सव में भाग लेने गए वैद्य ने आरक्षण के मुद्दे पर शुक्रवार(20 जनवरी) को कहा था कि आरक्षण से अलगाववाद बढ़ता है और एक समय के बाद उसे समाप्त कर देना चाहिए। वैद्य के इस बयान के आते ही सियासी तूफान खड़ा हो गया। साथ ही भाजपा नेतृत्व के हाथ पांव फूल गए।

इसे भी पढ़िए :  मुलायम की छोटी बहू की आरक्षण पर ये है राय

जिसके बाद आरएसएस नेता ने अपनी टिप्पणी पर सफाई देते हुए कहा कि संघ समाज में बराबरी लाने के लिए आरक्षण का समर्थन करता है। उन्होंने कहा कि दलितों और पिछड़ों को मिल रहे आरक्षण को खत्म करने की बात कही ही नहीं थी। वैद्य ने अपनी सफाई में कहा कि उन्होंने धार्मिक आधार पर आरक्षण दिए जाने के खिलाफ बोला था।