हाफिज सईद के पाकिस्तानी सेना और वहां के हुक्मरानों के साथ गहरे ताल्लुकात की बात कोई छिपी हुई नहीं है। सईद ने जिस तरह सरकार की ताजा कार्रवाई से पहले अपने संगठन का नाम बदल लिया, उससे इस बात का शक बढ़ गया है कि पाकिस्तानी एजेंसियों के दांत सईद के मामले में दिखाने के कुछ, और खाने के कुछ और होते हैं।
पिछले दिनों सईद ने अपने संगठन जमात उद दावा का नाम बदलकर तहरीक ए आजादी कर लिया। उसने यह भी कहा कि अब यह संगठन कश्मीर में आजादी के मुद्दे पर आंदोलन करेगा। भारतीय खुफिया एजेंसियों के मुताबिक, जमात उद दावा का नाम हाल ही में संयुक्त राष्ट्र की तरफ से जारी आतंकी संगठनों की सूची में फिर से जारी किया गया है। जानकारों का कहना है कि इसी वजह से पाकिस्तानी हुक्मरानों की मर्जी से सईद ने यह काम किया है क्योंकि अब उसके नए संगठन के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होगी। सामाजिक कार्य की आड़ में यह संगठन कश्मीर समेत भारत के दूसरे हिस्सों में भी अपने आतंकी भेज सकेगा। सईद पहले भी इस तरह का काम कर चुका है। उसने सबसे पहले लश्कर ए तैयबा नाम से आतंकी संगठन बनाया था, बाद में जिसका नाम बदलकर जमात उद दावा रखा था।
अगले पेज पर पढ़िए – पाक ने जैश ए मोहम्मद को दिया कुछ दिन शांत रहने की सलाह