सावधान! विकीलीक्स का सनसनीखेज़ खुलासा, आपके स्मार्टफोन और टीवी से अमेरिका कर रहा जासूसी

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विकीलीक्स
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विकीलीक्‍स ने एक बार फिर से एक रिपोर्ट जारी की है और अगर आप एप्‍पल आईफोन या फिर गूगल आधारित एंड्रॉयड फोन का प्रयोग करते हैं, तो आपको सावधान रहने की जरूरत है। विकीलीक्‍स ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि अमेरिकी इंटेलीजेंस एजेंसी सीआईए पलभर में इन डिवाइसेज को हैक कर सकती है।

अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए (CIA) के बारे में हुआ खुलासा दुनियाभर के टेक्नोलॉजी यूजर्स की चिंता बढ़ा सकता है। सीआईए स्मार्ट टीवी, स्मार्टफोन्स और एंटी वायरस सॉफ्टवेयर के जरिए लोगों की जासूसी कर रहा है। मंगलवार को विकीलीक्स द्वारा लीक डॉक्युमेंट्स में ये खुलासा हुआ है। सभी डॉक्युमेंट्स सीआईए के सेंटर फॉर साइबर इंटेलिजेंस से लिए गए हैं। इनके मुताबिक, गैजेट्स में सेव ऑडियो फाइल्स, फोटोज और प्राइवेट टेक्स्ट पर भी सीआईए की नजर है। यहां तक की कम्युनिकेशन के लिए इस्तेमाल हो रहीं एनक्रिप्टेड एप्लीकेशन्स भी सुरक्षित नहीं हैं। हालांकि, सीआईए ने इन डॉक्युमेंट्स पर टिप्पणी करने से इनकार किया है। लेकिन, विकीलीक्स पिछले कई सालों से अमेरिका समेत कई देशों के खुफिया डॉक्युमेंट्स लीक करता आ रहा है। ऐसे में कई टेक एक्सपर्ट्स इसे सही मान रहे हैं।

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दरअसल सीआईए लोगों द्वारा प्रयोग में लाए जाने वाले गैजेट्स में सेव की गई फोटो, निजी जानकारियों, ऑडियो फाईल समेत अन्य सामग्रियों पर नज़र रखी जा रही है। हालांकि सीआईए ने डॉक्युमेंट पर टिप्पणी करने से मना कर दिया है। मगर वीकिलिक्स दुनिया की वह कंपनी है जो कि खुफिया जानकारियां प्रसारित करने के लिए जानी जाती है।

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इस कंपनी ने कहा है कि सीआईए अमेरिकन सॉफ्टवेयर प्रोडक्ट्स और स्मार्टफोन्स को जासूसी के लिए उपयोग में लाने का कार्य करता है। इतना ही नहीं एप्पल के आईफोन, गूगल का एंड्रॉयड और माइक्रोसॉफ्ट विंडोज़ भी इसमें शामिल किए गए हैं। इस मामले में जानकारी मिली है कि विकीलीक्स द्वारा डॉक्यूमेंट के आधार पर जासूसी के लिए सॉफ्टवेयर तैयार किए हैं।

सीआईए ऐसी एम पर काम कर रहा है जो कि स्मार्ट टीवी को यूज़ कर रहा है। इसमें एक बग काम करता है जो कि टीवी में फेक ऑफ मोड डाल देता है। ऐसे में जब टीवी दे खने वाला दर्शक यह समझता है कि वह टीवी ऑफ कर चुका है मगर यह टीवी ऑन रहता है और उसके रूम के वीडियो व ऑडियो रिकॉर्ड हो जाते हैं और सीआईए के सर्वर पर चले जाते हैं। सीआईए ब्रूटल कंगारू जैसे मालवेयर पर काम करता है जो कि कंप्युटर को प्रभावित करता है। सीआईए डाटा चुराने के लिए फाइन डाइनिंग का उपयोग करता है। हैमर ड्रिल के माध्यम से भी हैकिंग कर सीआईए अपना कार्य करता है।

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