चुनाव आयोग का सख्त आदेश, अगर ज्योतिषों ने की चुनावी नतीजों की भविष्यवाणी तो खैर नहीं

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र्निवाचन आयोग

अब चुनाव के दौरान न तो किसी तरह के एग्जिट पोल जारी किए जा सकेंगे और न ही कोई भविष्यवाणी की जा सकेगी। बृहस्पतिवार को चुनाव आयोग ने चुनाव के दौरान नतीजों को लेकर ज्योतिषी, टैरो कार्ड रीडर्स या फिर राजनीतिक पंडित की ओर से भविष्यवाणी करने और अनुमान जताने पर पूरी तरह रोक लगा दिया है। अगर चुनावी नतीजों को लेकर भविष्यवाणी की जाती है या फिर अनुमान जताया जाता है, तो इसे चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन माना जाएगा और कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

आयोग ने कहा कि ज्योतिषी, कार्ड या किसी एक्सपर्ट की मदद से भी प्रतिबंधित समय में चुनाव परिणाम के बारे में संकेत देना या बताना उल्लंघन के दायरे में आता है।

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चुनाव आयोग ने गुरुवार को कहा कि जब एग्जिट पोलों के नतीजों को दिखाने पर पाबंदी है तो ऐसे समय में ज्योतिषियों और टैरों कार्ड रीडरों की ओर से चुनावी नतीजों की भविष्यवाणी करना भी कानून का उल्लंघन है।आयोग ने प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया दोनों से कहा कि वे भविष्य में स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं पारदर्शी चुनाव सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबंध की अवधि के दौरान ऐसे कार्यक्रमों का प्रकाशन-प्रसारण न करें।

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मीडिया संगठनों को भेजे गए एक परामर्श में आयोग ने जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 126-ए का जिक्र किया. इसमें कहा गया है कि चुनाव आयोग की ओर से अधिसूचित की गई ऐसी अवधि के दौरान कोई व्यक्ति प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के जरिए कोई एग्जिट पोल नहीं करेगा और न ही इनके नतीजों को प्रकाशित-प्रसारित करेगा और न ही इसे किसी अन्य तरीके से वितरित करेगा।

हाल ही में पांच राज्‍यों के विधानसभा चुनाव के दौरान एक न्यूज वेब-पोर्टल ने यूपी का एग्जिट पोल समय से पहले प्रकाशित कर दिया था।इस पर आयोग ने 15 जिलों में संबंधित न्यूज चैनल के संपादकीय प्रभारियों के खिलाफ मामले दर्ज किए थे।साथ ही न्यूज पोर्टल के संपादक को गिरफ्तार किया था, लेकिन बाद में जमानत पर रिहा कर दिया गया था।

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बता दें कि  आयोग की गाइडलाइंस के मुताबिक चुनाव समाप्ति के बाद ही किसी एग्जिट पोल का प्रसारण हो सकता है।वोटिंग के 72 घंटे पहले ऑपिनियन पोल पर भी रोक लग जाती है।