1 अप्रैल 2017 से बीएस 3 वाहनों की मैन्युफैक्चरिंग, सेल या रजिस्ट्रेशन पर लगी रोक से स्टॉक में पड़ी गाड़ी को निकालने की कवायद जोरों पर है। देशभर में गुरुवार से ही खासकर दोपहिया वाहनों पर भारी छूट ऑफर की जा रही है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट के आदेश की चपेट में आने वाले कुल 8 लाख बीएस 3 वाहनों में अकेले टू-वीलर्स की तादाद 6.71 लाख है। ऐसे में डीलरों को इन्हें बेचने के लिए महज दो दिन का वक्त मिला। कोर्ट के आदेश के बाद कंपनियां पस्त हैं तो ग्राहकों की बल्ले-बल्ले हो रही है। लेकिन अभी का मुनाफा, बाद की मुश्किल नहीं बन जाए, इसलिए इन महत्वपूर्ण बातों पर जरूर गौर कर लें।
कुछ जगहों पर और खासकर महानगरों को छोड़कर, आरटीओ दफ्तर ने डीलरों को एक विकल्प दिया है कि वो उन बीएस 3 वाहनों की इनवॉइस बना लें जो अब तक नहीं बिक पाए और एक सप्ताह में ग्राहकों के डीटेल भर दें। ऐसे में दिल्ली, मुंबई, कोलकाता जैसे महानगरों में कारों पर ऐसी छूट नहीं पा सकते क्योंकि इन जगहों पर अब बीएस 3 वाहनों के रजिस्ट्रेशन नहीं हो सकते।
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक 1 अप्रैल से पहले बेचे गए वाहनों के रजिस्ट्रेशन उन जगहों पर हो सकते हैं जहां बीएस 3 वाहनों के लिए रजिस्ट्रेशन की अनुमति मिली हुई है। वैसे वाहन जो 1 अप्रैल से पहले खरीदे गए, लेकिन उनका रजिस्ट्रेशन 1 अप्रैल के बाद हुआ हो तो उनके लिए इसका प्रमाण देना होगा कि खरीद 31 मार्च की आधी रात से पहले हो गई। ऐसे में एक खरीदार के नाते आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि डीलर आपको एक भी दस्तावेज या इनवॉइसेज 31 मार्च की तारीख के बाद का नहीं दे दे।
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