बिना पूछे छापी गयी थी राम मंदिर के पक्ष वाले पोस्टर पर मौलाना की तस्वीर, पढ़िये पूरा सच

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राम मंदिर
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अयोध्या के बहुचर्चित राम मंदिर-बाबरी मस्जिद विवाद ने एक बार फिर तूल पकड़ लिया है। सुप्रीम कोर्ट ने आपसी बातचीत से फैसला सुलझाने का आदेश दिया है। इस सब के बीच एक और विवाद छिड़ गया है। यूपी की राजधानी लखनऊ में विधानसभा के बाहर अयोध्या में राम मंदिर बनाने के समर्थन में बीजेपी नेता कुंवर सैयद इकबाल हैदर ने बैनर लगाए। जो एक बड़ा विवाद बन गया आई दरअसल नेता द्वारा लगाए गए पोस्टर हैं उनमें पुणे के धार्मिक गुरु मौलाना डॉ.शाबीह अहसन काजमी की तस्वीर लगाई गई है। जबकि उनका कहना है कि इस तस्वीर को उनकी इजाजत और बिना बताए इस्तेमाल किया गया और उन्हें यह भी नहीं पता था कि यह बैनर सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है।

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मौलाना ने इसकी शिकायत पुणे पुलिस कमिश्नर से की है और इसके लिए जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई की मांग की है। इस बैनर में बाकी लोगों के अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की तस्वीर थी। “हो जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण, मुस्लिमों का यही अरमान” इस नारे के साथ काजमी की तस्वीर बैनर पर छापी गई है।

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काजमी पुणे के गुरुद्वार पेथ इलाके के रेजा ट्रस्ट के धार्मिक नेता हैं। उन्होंने कहा कि उनकी तस्वीर शरारती इरादे से इस्तेमाल की गई है, ताकि यह लगे कि अयोध्या में राममंदिर बनाने के लिए मैंने अपना समर्थन दे दिया है। उन्होंने कहा कि मैंने राम मंदिर मामले को लेकर कोई एेसा कमेंट नहीं किया। इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आखिरी होगा और मुझे भी यह मंजूर होगा।

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