आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी कथित तौर पर बाबरी मस्जिद गिराए जाने को महात्मा गांधी की हत्या से “ज्यादा गंभीर” अपराध बताकर विवादों से घिर गये हैं। बुधवार (19 अप्रैल) को सुप्रीम कोर्ट ने बाबरी मस्जिद गिराए जाने के मामले में भाजपा नेताओं लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती पर आपराधिक साजिश का मामला चलाने का आदेश दिया। अदालत के फैसले के बाद ओवैसी के नाम से चलाए जाने वाले ट्विटर अकाउंट से इस मसले पर कई ट्वीट किए गये जो मीडिया में छाये रहे। ओवैसी का अकाउंट ट्विटर द्वारा प्रमाणित अकाउंट नहीं है।
असुदद्दीन औवेशी ने ट्वीट कर से कहा है ‘महात्मा गांधी की हत्या का सुनवाई दो साल में पुरी हो गयी थी और बाबरी मस्जिद गिराये जाने के मामले में अभी तक फैसला नहीं आया है जो कि उससे ( महात्मा गांधी की हत्या से) गंभीर अपराध है।” एक अन्य ट्वीट में लिखा गया है, “गांधी के हत्यारों को सजा और फांसी हुई लेकिन बाबरी के आरोपियों को केंद्रीय मंत्री बनाया गया, पद्म विभूषण दिया गया, न्याय की रफ्तार धीमी है।” एक अन्य ट्वीट में कहा गया, “ये शर्म की बात है कि 1992 के जिम्मेदार देश चला रहे हैं।”
Mahatma Gandhi assassination trial completed in 2 years & Babri Masjid demolition which more serious than MK Gandhi killing not yet decided
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) April 19, 2017
Gandhis killers where convicted hanged & Babri accused have been made Union Ministers,conferred Padma Vibhushan ,justice system moves slowly
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) April 19, 2017
अदालत ने कहा कि सिंह पर राज्यपाल रहते हुए मुकदमा नहीं चल सकता।सुप्रीम कोर्ट ने आडवाणी, जोशी और भारती समेत 13 अभियुक्तों पर छह दिसंबर 1992 में अयोध्या स्थित बाबरी मस्जिद गिराने की आपराधिक साजिश के आरोप में मुकदमा चलाने का आदेश देते हुए राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह पर ये फैसला न लागू होने की बात साफ की थी। सिंह 1992 में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे। बाबरी मस्जिद मामले में वो आरोपी बनाए गये थे।