मनमानी करने वाले बिल्डरों पर कोर्ट भी सख्त होने लगा है। ऐसे ही एक मामले में शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने ग्राहकों को फ्लैट सौंपने में देरी होने के कारण यूनिटेक पर 5 करोड़ रुपये का भारी जुर्माना लगाया है। अदालत ने यूनिटेक से कहा है कि वह 12 अगस्त तक अपने ग्राहकों को अंतरिम मुआवजे के तौर पर इस रकम का भुगतान करे।
उच्चतम न्यायालय ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि अगर 12 अगस्त तक ग्राहकों को रकम नहीं दी जाती है तो यूनिटेक के डायरेक्टर्स को जेल भेजा जा सकता है।
बता दें कि यूनिटेक ग्रुप दिल्ली से सटे नोएडा सेक्टर- 76 में अपने ग्राहकों को तय समय पर फ्लैट मुहैया नहीं करवा सकी थी। नैशनल कंज्यूमर डिसप्यूट रिड्रेसल कमिशन ने इससे पूर्व यूनिटेक से कहा था कि वह मामले में फ्लैट ग्राहकों को मुआवजा दे।