आधार कार्ड को अनिवार्य बनाए जाने पर भड़का सुप्रीम कोर्ट, कहा ये तो हमारे आदेश का उल्लंघन है

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सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को केंद्र सरकार को फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा, वह अगले हफ्ते तय करेगा कि इनकम टैक्स फाइल करने के लिए आधार जरूरी होना चाहिए या नहीं। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को यह बताने को कहा है कि आईटी रिटर्न के लिए आधार कार्ड की जरूरत क्यों है। न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने केंद्र से कहा कि आपने कैसे आधार को अनिवार्य बना दिया, जब हमने उसे विकल्प बनाने का आदेश दिया था। इसके जवाब में अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने कहा कि सरकार के पास अब यूनिफॉर्म आइडेंटिफिकेशन नंबर्स को इस्तेमाल करने का कानून है। उन्होंने कहा कि हमें कई एेसे पैन कार्ड मिले हैं, जिनका इस्तेमाल शेल कंपनियों द्वारा फंड को इधर-उधर करने के लिए किया गया। इसे रोकने के लिए आधार कार्ड को अनिवार्य बनाया गया है।

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पिछले महीने केंद्र सरकार ने आईटी रिटर्न फाइल करने और इसके बाद पैन बनवाने के लिए भी आधार को अनिवार्य कर दिया था। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा था कि आधार कार्ड को पैन कार्ड से लिंक करने का मकसद टैक्स न देने वालों और डुप्लीकेट पैन कार्ड रखने वालों का पता लगाना है।
11 अगस्त 2015 को सुप्रीम कोर्ट ने एक अॉर्डर दिया था, जिसमें उसने कहा था कि सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए आधार कार्ड को अनिवार्य नहीं ठहराया जा सकता। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था, केंद्र सरकार को इलेक्ट्रॉनिक व प्रिंट मीडिया, रेडियो और टीवी नेटवर्क्स पर लोगों को यह बताना चाहिए कि आधार कार्ड अनिवार्य नहीं है। किसी भी नागरिक को सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए आधार पेश करने की जरूरत नहीं है।

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अगले पेज पर पढ़िए – क्या था केंद्र सरकार का फैसला

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